भागलपुर में ‘ब्रिमैटो’ नामक संकर पौधे की शुरुआत की जा रही है। यह पौधा बैंगन और टमाटर दोनों को एक ही जगह पर उगाने की क्षमता रखता है। यह परियोजना एग्रीकल्चर ट्रेनिंग मैनेजमेंट एजेंसी (ATMA) और बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU) द्वारा स्थानीय जिला कृषि विभाग के सहयोग से शुरू की गई है।
किसानों की आमदनी बढ़ाने की नई पहल
ATMA के उप निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया, “हम ब्रिमैटो की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का चयन कर रहे हैं। उन्हें वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जहां वे ब्रिमैटो तकनीक के तहत खेती करना सीखेंगे।”
ब्रिमैटो एक ग्राफ्टेड पौधा है, जिसमें बैंगन के पौधे की जड़ों और टमाटर की शाखाओं का संयोजन किया गया है। यह संयोजन इसे रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधक और प्रतिकूल मौसम के अनुकूल बनाता है।
कृषि में वैज्ञानिक उपलब्धि
BAU के वाइस चांसलर डॉ. ओ. एन. सिंह ने कहा, “यह एक वैज्ञानिक उपलब्धि है, जिससे किसानों की लागत घटेगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। इससे किसान अपनी फसल में विविधता ला सकते हैं और टमाटर और बैंगन जैसी दो मांग वाली सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं। यह पहल टिकाऊ और लाभकारी खेती की दिशा में बड़ा कदम है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचाव
डॉ. शिरीन अख्तर, BAU की एसोसिएट प्रोफेसर, बताती हैं, “ब्रिमैटो जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याओं जैसे पानी की कमी और सूखे का समाधान करने में सहायक है। यह पौधा जैविक और अजैविक तनावों को सहन कर सकता है, जिससे इसकी उत्पादकता उच्च बनी रहती है।”
किसानों को होगा व्यापक लाभ
इस पहल के तहत, किसानों को ग्राफ्टिंग तकनीक सिखाई जाएगी और उन्हें ब्रिमैटो की खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक भागलपुर के किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है, जो उनकी आय को दोगुना करने की क्षमता रखती है।
यह नवाचार कृषि के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है और भागलपुर को आत्मनिर्भर और उन्नत खेती की दिशा में प्रेरित करेगा.