तिरुपति जैसा धार्मिक पर्यटन का विकास होगा- रघुवर दास

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संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के धार्मिक पर्यटन स्थलों को तिरूपति की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य का नाम ही झारखण्डधाम पर रखा गया है। इसलिए यह मात्र गिरिडीह का ही नहीं वरन पूरे राज्य के लिए पूजा-आराधना का एक प्रमुख स्थल है। इसे विकसित किये जाने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां इको-टूरिज्म की संभावनाओं को भी विकसित किया जाएगा। इसके साथ झारखण्ड धाम के संस्कृत महाविद्यालय का भी निर्माण करवाकर यहां अध्ययन-अध्यापन और शोध के बेहतर वातावरण तैयार किये जाने की जरूरत है, इसे सरकार प्राथमिकता देगी। मुख्यमंत्री सोमवार को झारखण्ड धाम महोत्सव का रंगारंग आगाज करने झारखण्ड धाम आये थे। उन्होंने कार्यक्रम से पूर्व झारखण्डी बाबा की पूजा अर्चना कर पूरे राज्य के विकास के लिए प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक रूपये में 53 हजार महिलाओं को जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है। इस मामले में झारखण्ड देश का अग्रणी राज्य बने ऐसी सरकार की अपेक्षा है। इन 53 हजार जमीन मालकिनों का नैतिक दायित्व बनता है कि वे अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। बेटा-बेटी में कोई भेद न करें, समान रूप से सबको शिक्षा दें। किसी भी नाबालिग बेटी को शादी के बंधन में बांध कर उसको पढ़ाई से अलग रखना एवं अपने व्यक्तित्व के विकास के अवसर न देना समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि एक बेटी पढ़ती है तो दो परिवारों को संस्कारित करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा गरीबी भगाने की जड़ी-बूटी है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे इसे अपनी जीवन का मूल मंत्र बनाये।उन्होंने कहा कि बिचैलिया प्रथा को राज्य से दूर भगाना है, इसमें समाज के प्रबुद्ध तबकों को भी आगे आना चाहिए। हरेक जिले में कौशल विकास केन्द्र स्थापित कर युवाओं को रोजगार के नये अवसर देना सरकार का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरिडीह जिले के मिर्जागंज में दुग्ध का चिलिंग सेंटर स्थापित किया जा रहा है। अब हर जिले के 10 हजार सरकारी स्कूल के  बच्चों को स्थानीय स्तर पर उत्पादित दूध मुहैया कराया जाना है। महिलाओं से अनुरोध है कि वे अपने स्वयं सहायता समूह अथवा सखी मंडल के माध्यम से बच्चों के  स्कूल ड्रेस की सिलाई कर स्थानीय विद्यालय में आपूर्ति करें।

उन्होंने कहा कि संगीत कला भी ईश्वर की आराधना का माध्यम है। सरकार ईटखोरी, कौलेश्वरी, रजरप्पा, मैथन, झारखण्ड धाम आदि जगहों पर महोत्सवों का आयोजन कर धार्मिक पर्यटन एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, ताकि देश-दुनिया के तमाम लोग झारखण्ड के इन पर्यटन स्थलों से परिचित होकर यहां आयें।

इस मौके पर स्थानीय सांसद डा. रविन्द्र राय ने झारखण्ड धाम की महत्ता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। मौके पर गाण्डेय विधायक जयप्रकाश वर्मा, विधायक जमुआ केदार हाजरा, बगोदर के विधायक नागेन्द्र महतो एवं सचिव पर्यटन डा. मनीष रंजन उपस्थित थे।

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