निशिकांत सिंह.
पटना. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आबादी के अनुसार दलितों को 25 प्रतिशत दिये जाने की मांग की है. साथ ही मांझी ने मायावती को एनडीए गठबंधन में शामिल होने की अपील की.
हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा दलित प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करते हुए मांझी ने यह मांग की.मांझी ने कहा कि दलितों को उनके आबादी के अनुपात में आरक्षण मिले. पुराने आकड़ों के आधार पर अभी हमें महज 16 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. उसमें भी दलितों के सीट भरे नहीं जा रहे है. इसके लिये सरकार एक आयोग का गठन करे. जो इस तबके की वास्तविक आबादी और उनके प्रतिनिधित्व के सही आकड़े प्रस्तुत करे. साथ ही मांझी ने मायावती को एनडीए गठबंधन में शामिल होने की अपील की.
मांझी ने कहा कि राजनीति में दलितों के वाजिव प्रतिनिधित्व के लिये भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ने पृथक निर्वाचन के लिए प्रयास किया था, जिसे गांधी जी के हस्तक्षेप और पूना पैक्ट की बाध्यता के कारण लागू नहीं किया जा सका। यही कारण है कि आज दलित नेताओं को गैर दलित वोटर्स पर निर्भर रहना पड़ता है। हमें पुन: पृथक निर्वाचन पर विचार करना होगा, और हम इसके लिये राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब बौद्ध धम्म अपना कर हमें संकेत दिया था कि जात-पात के कारण हिन्दु धर्म में हमारा कल्याण नहीं हो सकता। पर हम उनके विचारों को फॉलो करने के बजाय सिर्फ जय भीम, जय भीम करते हैं। सिर्फ नारा लगाने से हमारा भला नहीं होगा, उनके विचारों को जीवन में उतारना होगा। बिहार में लोगों को भ्रमा कर महागठबंधन वालों ने सरकार बनाया। अब फिर से बिहार में जंगलराज की वापसी हो गयी है।
राज्य में अपराधिक घटनाओं पर राज्य सरकार पर हमला करते हुये कहा कि अपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है, दलित बच्चों को स्कूल से भगा दिया जा रहा है। ये बड़ी शर्मनाक घटना है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ शिक्षा, नौकरी और राजनीति में ही नहीं, निजी क्षेत्रों, व्यवसाय में निवेश व न्यायपालिका आदि में भी आरक्षण मिले। इसके लिए हमें मिल के संघर्ष करना होगा। बाबा साहेब ने ठेके में आरक्षण के लिये पहल की थी, उस काम को हमने आगे बढ़ाया। आज हमारे उन्हीं फैसलों लागू किया जा रहा है।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मायावती को एनडीए में शामिल होकर यूपी चुनाव लड़ना चाहिये। उन्हें हमारा पूरा समर्थन रहेगा। मायावती के अलावे जितने भी राजनैतिक व गैर राजनैतिक दलित संगठन हैं, सब को एक मंच पर आना होगा।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषण पटेल ने कहा कि ये दलितों की पार्टी है। दलित का अर्थ किसी जाति से नहीं, उस तबके, उस समुदाय से है जिसके लिये बाबा साहेब पूरी उम्र संघर्ष किये। हम बिहार घूम-घूम कर दलितों की समस्याओं को चिन्हित कर समाधान करने की दिशा में काम करेंगे। बैठक में पूर्व मंत्री अजीत कुमार, पूर्व विधायक रविन्द्र राय, दलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुपेन्द्र नाथ चौधरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रह्मदेव आनंद पासवान, दानिश रिजवान, प्रदेश प्रवक्ता अनामिका पासवान, गजेन्द्र मांझी आदि नेता व प्रदेश के हर जिले के सैकड़ों दलित कार्यकर्ता शामिल हुए।