कर्पूरी ठाकुर को मिले भारत रत्न,फिर भेजा जायेगा प्रस्ताव-नीतीश कुमार

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संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा  कि  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  को  भारत रत्न  से  विभूषित  किया  जाए,इसके  लिए  केंद्र  को  प्रस्ताव  भेजा  गया  है  और  इसे  फिर  से  भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री  बुधवार को  श्रीकृष्ण  मेमोरियल  हॉल  में आयोजित  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  जयंती  समारोह को संबोधित करते हुए यह मांग की।

बिहार  प्रदेश  जदयू  अतिपिछड़ा  प्रकोष्ठ  द्वारा  आयोजित  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  की  जयंती समारोह  में  मुख्यमंत्री  ने  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  के  चित्र  पर  माल्यार्पण  किया। समारोह  को  संबोधित  करते  हुए  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  पहले  प्रदेश  स्तर  पर  कर्पूरी  जयंती  समारोह  को  मनाया  जाता  था लेकिन  इस  वर्ष  से  बिहार  के  सभी  जिलों  में  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  की  जयंती  मनाई  जा  रही है।  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  हम  जो  भी  काम  करते  हैं,  उसके  प्रेरणास्रोत  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर जी  रहे  हैं।  उन्होंने  कहा  कि  बहुत  लोग  अब  जयंती  मनाने  लगे  हैं,  यह  अच्छी  बात  है,  इसमें किसी  को  ऐतराज  नहीं  होना  चाहिए।

उन्होंने  कहा  कि  जननायक  जब  इस  धरती  से  विदा  हुए तभी  से  ही  हम  लोग  इस  कार्यक्रम  को  करते  आ  रहे  हैं  और  यह  सिर्फ  औपचारिकता  मात्र  नहीं है  बल्कि  उनके  काम  और  उनके  व्यक्तित्व  को  लोग  समझें,  जानें,  इसका  प्रयास  किया  जाता है।  आने  वाली  पीढ़ी  भी  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  के  व्यक्तित्व  और  कृतित्व  से  अवगत  हो  सके, इसके  लिए  निरंतर  ऐसे  कार्यक्रम  आयोजित  होते  रहे  हैं।  इससे  मुझे  काफी  खुशी  है।  उन्होंने कहा  कि  अगली  बार  से  इस  कार्यक्रम  का  आयोजन  बापू  सभागार  में  होगा।

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि बी0पी0  सिंह  जब  प्रधानमंत्री  थे,  उस  समय  मंडल  कमीशन  की  सिफारिशें  लागू  की  गयी  थीं। उन्होंने  कहा  कि  कर्पूरी  ठाकुर  ने  जिस  तरह  से  बिहार  में  आरक्षण  लागू  किया  था, अब  केंद्र  में जो  सरकार  है,ऐसे  में  मुझे  पूरा  भरोसा  है  कि  आरक्षण  का  प्रावधान  पूरे  देश  में  लागू  होगा। मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  आरक्षण  प्रेरक  की  भूमिका  निभाता  है,  जिसके  चलते  अति  पिछड़ों  में शिक्षा  के  प्रति  प्रेरणा  आयी  है।

उन्होंने  कहा  कि  श्रद्धेय  कर्पूरी  जी  ने  अपने  लिए  कुछ  नहीं किया  और  कभी  घृणा  की  राजनीति  भी  नहीं की।  मुख्यमंत्री  ने कहा  कि  गांधी,  लोहिया,  जे0पी0 और  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  से  हम  प्रेरणा  लेते  हैं  और  इनकी  बातों  को  बिहार  की  धरती  पर उतार  रहे हैं,  वह  भी  विकेंद्रीकृत  तरीके  से।  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  बीच  के  दिनों  में  मुखिया  जी को  पावर  छीनने  का  भय  दिखाकर  भड़काया  गया,  जबकि  सात  निश्चय  योजनाओं  के  जरिए उन्हीं  लोगों  को  अधिकार  दिया  गया  है,  जिसे  अब  वे  भली-भांति  समझ  चुके  हैं।

उन्होंने  कहा  कि  जननायक  कर्पूरी  ठाकुर  को  भारत रत्न  से  विभूषित  किया  जाए,  इसके  लिए  केंद्र  को  प्रस्ताव  भेजा  गया  है  और  इसे  फिर  से  भेजा जाएगा।  मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  इस  जयंती  समारोह  में  पटना  में  स्थित  कर्पूरी  संग्रहालय  को शोध  संस्थान  के  रूप  में  विकसित  करने की  मांग  की  गई  है, यह  अच्छा  विचार  है।  इसके  लिए मैंने  मुख्य  सचिव,  शिक्षा  विभाग  के  प्रधान  सचिव  और  कला  संस्कृति  विभाग  को  कह  दिया  है और  यह  संग्रहालय  शोध  संस्थान  के  रूप  में  विकसित  होगा।

समारोह  को  जदयू  प्रदेश  अध्यक्ष  एवं  सांसद  वशिष्ठ  नारायण  सिंह,  ऊर्जा  मंत्री  बिजेंद्र  प्रसाद  यादव,  जल  संसाधन  मंत्री  राजीव  रंजन  उर्फ  ललन  सिंह,  खाद्य  उपभोक्ता संरक्षण  मंत्री   मदन  सहनी,  पंचायती  राज  मंत्री  कपिलदेव  कामत,  ग्रामीण  कार्य  मंत्री  शैलेश  कुमार,  विधायक  श्याम  रजक  ने  भी  संबोधित  किया। इस  अवसर  पर  विधान  पार्षद   संजय  सिंह  उर्फ  गाँधी  जी,  विधान  पार्षद  रणवीर नंदन,  विधान  पार्षद  चन्द्रेश्वर  प्रसाद  चन्द्रवंशी, जदयू  प्रदेश  प्रवक्ता  अजय  आलोक, जदयू  प्रदेश  प्रवक्ता   अंजुम  आरा,  जदयू  प्रदेश  प्रवक्ता  सुहेली  मेहता  सहित  अन्य कई  गणमान्य  व्यक्ति  एवं  पूरे  प्रदेश  से  काफी  तादाद  में  आये  जदयू  कार्यकर्ता  और  जननायक कर्पूरी  ठाकुर  के  अनुयायी  उपस्थित  थे।

 

 

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