सीएम रघुवर दास ने पेश किया 80,200 करोड़ रुपये का बजट

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हिमांशु शेखर.रांची.झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये 80,200 करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए गांव, गरीब, किसान, युवा, महिलाओं, पिछड़ों, वंचितों के विकास पर जोर दिया।

झारखंड बजट में सबसे ज्यादा राशि ग्रामीण विकास पर खर्च की जा रही है। इसके बाद शिक्षा, कृषि व सिंचाई तथा स्वास्थ्य पर राशि खर्च की जाएगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज पर 11,771.16 करोड़ रुपये, शिक्षा पर 11,181.49 करोड़ रुपये, कृषि एवं जल संसाधन के लिए 6,421.64 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य पर 3,826.07 करोड़ रुपये, नगर विकास एवं पेयजल तथा स्वच्छता के लिए 5,357.70 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि इस बार के बजट को 5 बिंदुओं पर केंद्रित किया गया है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय को दोगुणा करना, रोजगार एवं स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करना, अनुसूचित जनजाति/जाति एवं अभिवंचित वर्गों का विकास, महिला सशक्तिकरण तथा पिछड़े जिलों/प्रखण्डों का समेकित विकास करने पर रहेगा साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तथा आधारभूत संरचना यथा- पेयजलापूर्ति, नगरीय विकास, गाँव को सड़क से जोड़ना तथा प्रत्येक घर में विद्युत आपूर्ति पहुँचाने पर भी केन्द्रित रहेगा। बजट में सखी मंडल के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य की महिलाओं के विकास, विशेष रूप से सखी मण्डलों को सशक्त और जीवन्त संस्था के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष जेंडर बजट के रूप में 8,194.59 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 6.64 प्रतिशत अधिक है। इस वित्तीय वर्ष के लिए अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट का कुल आकार 24,410 करोड़ रूपये है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रचलित मूल्य के आधार पर झारखण्ड राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 3,08,785 करोड़ रुपये आकलित किया गया है। यह वर्ष 2017-18 के 2,79,452 करोड़ रुपये (दो लाख उनासी हजार चार सौ बावन करोड़ रुपये) की तुलना में 10.50 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2017-18 में कृषि एवं सम्बद्ध प्रक्षेत्रों का योगदान 14.97 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्त्तमान मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 70,468 रुपये होने का आकलन है, जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में 64,823 रु था.

 

 

 

 

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