मुकेश महान.पटना.दसवीं और बारहवीं के परीक्षा-परिणाम से असंतुष्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए सिरे से शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने का मन बनाया है.इसी के तहत विगत 3 अगस्त को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कई आवश्यक निर्देश भी दिए गए.प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा तक में कई परिवर्तन की पहल की जा रही है.लेकिन आनन-फानन में लिए जा रहे निर्णय के कारण अराजक स्थिति भी बन गई है.
विगत 2 अगस्त 17 को देर रात जिला शिक्षा पदाधिकारी(पटना) कार्यालय से इस आशय का आदेश जारी किया गया कि एक भवन में चल रहे एक से अधिक मिडिल व प्राईमरी स्कूल को एक-दूसरे में मर्ज कर दिया जाए.इस आदेश को तीन दिनों के अंदर लागू करने का निर्देश दिया गया.हालांकि इस विषय पर विभागीय मंथन पहले से चल रहा था,लेकिन बिना जमीनी सच्चाई जाने आनन-फानन में इसलिए लागू किया गया ताकि 3 अगस्त को सीएम द्वारा बुलाई गई शिक्षा विभाग की समीक्षा में विभागीय प्रोग्रेस में इसे शामिल किया जा सके.
जानकार बताते हैं कि इसके अलावा भी कई तरह की परेशानियां सामने आ रही है. जिला शिक्षा पदाधिकारी (पटना) के स्पष्ट आदेश (6/वि9-53/-197दिनांक9.2.17) के बावजूद कुछ स्कूलों प्रधानाध्यापक अपने तरीके व सुविधानुसार इसे लागू कराने की कोशिश में हैं जिससे अराजक स्थिति हो गई है.विलय के बाद स्कूल का नाम क्या होगा-इस मामले में भी स्पष्ट आदेश के बावजूद मनमाने तरीके से निर्णय लिए जा रहे हैं.वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश को नजरअंदाज किया जा रहा है. कुछ स्कूलों में तो विलय के बाद शिक्षकों की सूची बनाने में वरीयता क्रम को नजरंदाज कर जूनियर शिक्षकों का नाम पहले और वरीय शिक्षकों का नाम बाद में डालकर शिक्षकों के बीच तनाव पैदा कर शैक्षणिक माहौल को खराब किया जा रहा है.