अभिजीत पाण्डेय.पटना.महागठबंधन टूटने के बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए राजद द्वारा किए गए दावे को खारिज कर दिया गया.राजद ने इसपर दावा करते हुए राबड़ी देवी को प्रतिपक्ष का नेता बनाने का पत्र उपसभापति को दिया गया था.
विधानसभा में तेजस्वी यादव को प्रतिपक्ष का नेता बनाने के बाद राबड़ी देवी को विधान परिषद में प्रतिपक्ष का नेता बनाने की पहल की गई थी.राजद के इस दावे को उपसभापति हारूण रसीद ने यह कहकर खारिज कर दिया कि इसके लिए आवश्यक आठ सदस्य राजद के पास नहीं हैं.
गौरतलब है कि महागठबंधन सरकार में इस पद पर भाजपा के सुशील मोदी थे जो एनडीए सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं.मोदी से रिक्त हुए पद पर राजद का दावा किया गया था.नियमानुसार प्रतिपक्ष के नेता का पद उसी विपक्षी दल को मिलता है जिसकी सदस्य संख्या कुल सदस्यों का कम से कम 10 प्रतिशत हो.75 सदस्य विधान परिषद में इस पद के लिए आठ सदस्य जरूरी है जबकि राजद के पास सात सदस्य ही हैं.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे ने इस आशय का पत्र विधान परिषद के उपसभापति को लिखा था जिसे उन्होंने खारिज कर दिया.