प्रमोद दत्त.पटना.राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मंगलवार को नीतीश कुमार पर भड़ास निकालते हुए उनकी पोल-पट्टी खोली.नीतीश कुमार को पलटूराम बताते हुए उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन में मैंने उन्हें लाया.राजनीति में मैंने उसे आगे बढाया.शरदजी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया.
सोमवार के प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए प्रहार का जवाब देते हुए लालू प्रसाद ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि तेजस्वी की बढती लोकप्रियता से नीतीश डर गए थे.इसलिए मेरे बेटे की वे बलि चाहते थे.सिर्फ एफआईआर से आरोप साबित नहीं हो जाता है.जहां जवाब देना मुनासिब था वहां तेजस्वी जवाब देता.नीतीश ने लोकतंत्र की हत्या की है.उन्होंने शरद यादव को राजद में आने का न्योता दिया और कहा कि देश से भाजपा का सफाया करने में वे साथ दें.
वोट ट्रांसफर के बारे में नीतीश का जवाब देते हुए लालू ने कहा कि पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि हमेशा नीतीश से ज्यादा वोट हमें मिला.लोकसभा चुनाव 2014 का विधानसभावार आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि मेरा वोट नहीं मिला तो कहां से आया वोट.मांझी-प्रकरण पर जब मामला फंसा था तब नीतीश मेरे पास गिड़गिड़ाते हुए आया था.मैं साथ नहीं देता तो उसी समय खेल खत्म था इनका.77 और 80 में हरनौत जैसी सीट से हारे.बाढ लोकसभा लड़ रहे थे तो मैंने ही रामलखन बाबू को मना कर आरा सीट पर भेजा था.नहीं करते तो चुनाव भी नहीं जीतते.इस बार भी महागठबंघन बनने के दौरान इन्हें मैंने ही नेता बनाया. नीतीश को राजनीति में मैंने आगे बढाया.
सरकार चलाने के तौर तरीके पर सवाल उठाते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि गठबंधन की सरकार चला रहे थे लेकिन सभी दलों का कॉर्डिनेशन कमिटी नहीं बनाया.हर मामले में फेल हुए.शराबबंदी की लेकिन होमडिलेवरी हो रहा है.उन्होंने कहा कि नीतीश पर शुरू से ही शक था.वे चक्कर में थे कि जदयू और कांग्रेस को बहुमत जितनी सीटें मिल जाए और वे जरूरत पड़ने पर राजद को धोखा दे दें.