अभिजीत पाण्डेय.पटना.नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने से जीतन राम मांझी ने इंकार कर दिया है.पहली नजर में तो यही लगता है कि मुख्यमंत्री रहने के बाद राज्य में फिर मंत्री बनना मर्यादा के विपरित मानकर उन्होंने इंकार किया.लेकिन इसके पीछे का कारण मांझी की महत्वाकांक्षा है.
जब यह खबर आई कि कैविनेट विस्तार में एनडीए के सभी घटक दलों को शामिल किया जाएगा तभी पार्टी की बैठक में निर्णय कर मांझी ने अपना निर्णय पहुंचा दिया कि वे मंत्री नहीं बनेगें.
सूत्रों की माने तो मांझी की नजर राज्यपाल की कुर्सी पर है.वे इस सिलसिले में कई दफा पीएम मोदी से मिल भी चुके हैं.दूसरा कारण यह कि अगर वे मंत्री बन जाते हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मिलनेवाली सभी सुविधाएं समाप्त हो जाएगी.तीसरा कारण यह कि मांझी दल के इकलौते विधायक हैं और इस नाते अगर मंत्री बनते हैं तो महत्वपूर्ण विभाग उन्हें नहीं मिलेगा.