मोदीजी के तीन साल-निर्णायक,ईमानदारी और विकास की सरकार-बिहार भाजपा

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संवाददाता.पटना.भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने बयान जारी कर कहा कि मोदी जी की सरकार तीन सालों में ‘सबका साथ-सबका विकास’ के तहत एक निर्णायक, ईमानदार और संवेदनशील सरकार बनकर उभरी । समाज के हर वर्ग के विकास के लिये कई योजनाएं चलाई । चाहे वह गरीबों के लिये हो, युवाओं के लिये हो, महिलाओं या किसानों के लिये। यह सारी योजनाओं को सरकार ने बखूबी से मॉनिटरिंग की ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके ।

मोदी सरकार पिछले तीन सालों में एक स्वच्छ सरकार के रूप में उभरी है। तीन सालों में एक भी घोटाला उजागर नहीं हुआ । कांग्रेसी सरकार में बिचौलिये और दलालों की अहम भूमिका होती थी । डा0 मनमोहन जी के दस सालों की सरकार में साढ़े बारह लाख करोड़ का घपला उजागर हुआ और पता नहीं कितने फाइलें में रह गई । मोदी जी की सरकार में बिचौलियों और दलाल की भूमिका नहीं है। यही कारण है कि भारत का जीडीपी मनमोहन सिंह के समय में 4.8 था जो अब 7.4 हो गया है। आने वाले अगले साल यह जीडीपी 8 प्रतिशत तक पहुंचेगी। आज भी दुनिया में हिन्दुस्तान का जीडीपी सबसे अधिक है ।

मोदी जी की सरकार ने बेरोजगारी और गरीबी को कम करने के लिये प्राथमिकता दी । बेरोजगारी एक महत्वपूर्ण समस्या थी जिसके लिये मुद्रा योजना के तहत 7.4 करोड़ लोगों को साढ़े चार लाख करोड रूपया ऋण दिया गया ताकि लोग अपना-अपना रोजगार कर सके । यह अब तक की बेरोजगारी को कम करने के लिये एक क्रांतिकारी कदम है। मोदी सरकार की मंशा है कि बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये अधिक से अधिक मदद हो ताकि नौजवान आगे बढ़ कर काम करें । केन्द्र सरकार ने बिहार को बढ़ाने के लिये हर तरफ काम किया । ग्रामीण विद्युतीकरण और किसानों को पटवन के लिये अलग डेडीकेटेड फिडर हो इसके लिये 5686 करोड़ रूपया का प्रावधान किया जिसमें एक हजार करोड़ रूपया दिया गया। ताकि हर गांव के हर घर को बिजली मिल सके और साथ ही पटवन के लिये किसान अपनी अपनी मोटर लगा सके । केन्द्र के लगातार तीन साल के प्रयास कारण आज बिहार में ग्रामीण विद्युतीकरण हो गया है जिसमें मात्र 319 गांव बचे हैं विद्युतीकरण के लिये । बिहार सरकार को डेडिकेटेड फिडर बनाने में तेजी लाने की जरूरत है। आज किसान बिहार में वारिश आधारित खेती कर रहे हैं।राजीव रंजन ने कहा कि आम जनता की राय है कि केन्द्र सरकार का पैसा सही तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है । कई मामलों में चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना का हो या मनरेगा आदि का । बिहार सरकार से आग्रह है कि केन्द्र सरकार की राशि का उपयोग करें, दुरूपयोग नहीं ।

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