मुकेशश्री.
पंच महापुरुष योग और महाभाग्य योग के बीच का यह योग मनुष्य को आक्स्मिक रुप से धनवान बना देने वाला योग है . कहा गया है कि यह योग पूर्व जन्मों के फल के साथ तो आता ही है.साथ ही साथ वर्तमान जीवन के पुरुषार्थ को भी दर्शाता है. अच्छी बात ये ही कि इसका पूरा पूरा फल भी जातक को प्राप्त होता है.किसी की कुंडली में यह योग तब बनता है जब केन्द्र (1,4,7 और 10)और त्रिकोण (5,9 ),धन भाव(दूसरा) और लाभ भाव (11वां) का स्वामी ग्रह परस्पर भाव बदलकर स्थित हों,किसी कुंडली में अवस्थित यह स्थिति ही महायोग कहलाता है यह योग अति दुर्लभ योग है ,लेकिन जिसजातक की कुंडली में यह योग बनता है वह व्यक्ति आकस्मिक रुप से धन लाभ अर्जित कर पद ,प्रतिष्ठा और सम्मान पाता है.