नीतीश कैबिनेट में 6 मामलों पर मिली स्वीकृति

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संवाददाता.पटना.शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 6 मामलों पर निर्णय लिये गये। गृह विभाग (विशेष शाखा) के अन्तर्गत बिहार में भारत सरकार की प्रतिपूर्ति आधारित ‘आतंकवाद/साम्प्रदायिक/नक्सली हिंसा, भारतीय संघ में सीमा पार से गोलीबारी एवं बारूदी सुरंग विस्फोट से पीड़ित आम व्यक्तियों को मुआवजा भुगतान हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी संशोधित मार्गदर्शिका के अनुसार प्रावधान लागू करने की स्वीकृति दी।

इस सन्दर्भ में प्रधान सचिव मंत्रिमंडल ब्रजेश मेहरोत्रा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में अन्य स्रोत से यदि उन्हें सहायता प्राप्त हो रही हो उसे भी यह लाभ मिलेगा। इसके अन्तर्गत 5 लाख रूपये प्रति मृतक की दर से अनुग्रह अनुदान की राशि भुगतान की जाएगी। हिंसा करने वाले इसके हकदार नहीं होंगे।

प्रधान सचिव मंत्रिमंडल ने बताया कि विधि विभाग के अन्तर्गत राज्य के 34 न्यायमंडलों में गठित 68 फास्ट ट्रैक कोर्टस के लिए पुनर्नियोजित 68 पीठासीन पदाधिकारियों (जिला न्यायाधीश संवर्ग के सेवानिवृत पदाधिकारियों) तथा उनके सहायतार्थ पुनर्नियोजित सेवानिवृता तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के लिए दिनांक-01.02.2017 से 31.07.2017 तक के पारिश्रमिक के भुगतान हेतु कुल- 7,04,37,000/- (सात करोड़ चार लाख सैंतीस हजार) रूपये बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से अग्रिम स्वीकृति दी गई। विधिा विभाग के अन्तर्गत स्कीमों की स्वीकृति हेतु शक्तियों का प्रत्यायोजन की स्वीकृति दी गई। सामान्य प्रशासन विभाग के अन्तर्गत उमाशंकर राम, बि०प्र०से०, कोटि क्रमांक- 1132/08, 899/11, तत्कालीन निदेशक, राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम, पूर्वी चम्पारण, मोतिहारी सम्प्रति उप सचिव, गृह (विशेष) विभाग को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गई। उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग के अन्तर्गत सभी प्रखंडस्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समितियों की प्रबंधकारिणी कमिटी में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछडे़ वर्गों एवं अति पिछडे़ वर्गों के लिए क्रमशः दो-दो पदों में आरक्षण को अपवर्जित करने की स्वीकृति दी गई तथा ग्रामीण कार्य विभाग के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के अन्तर्गत 26 जिलों में 250 या उससे अधिक की आबादी वाले अनजुड़े बसावटों को बारहमासी एकल सम्पर्कता प्रदान करने हेतु लगभग 4000 किमी की लम्बाई में ग्रामीण पथों का निर्माण कराने हेतु एकरारनामा के पूर्व निविदा प्रक्रिया पूरी कर पथों का निर्माण करने लिए सैद्धांतिक सहमति की स्वीकृति प्रदान की गई।

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