विमर्श का जो निष्कर्ष होगा,देश-दुनिया के लिये होगा लाभदायक-मुख्यमंत्री

1359
0
SHARE

984006_1487214137979655_89040093852983914_n

निशिकांत सिंह. पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के अवसर पर ज्ञान भवन पटना में आयोजित राष्ट्रीय विमर्श का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय विमर्श में आये अन्य विशिष्ट अतिथियों ने गांधी जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. राष्ट्रीय विमर्श कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी के चम्पारण सत्याग्रह का सौ वर्ष पूरा हुआ है. आज ही के दिन 1917 में गांधी जी पटना पधारे थे। वे पटना से मुजफ्फरपुर गये थे। वहां पर कुछ दिन ठहरे थे, इसके बाद वे मोतिहारी गये थे। वहां जो कुछ भी हुआ है, उससे आप सभी अवगत हैं. उन्होंने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह से आप सभी अवगत हैं. राजकुमार शुक्ल ने गांधी जी को आमंत्रित किया था। गांधी जी ने उनका आमंत्रण स्वीकार किया था. उन्होंने कहा कि गांधी जी सबसे पहले पूरी स्थिति को खुद देखना चाहते थे, तभी कुछ कहना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह ने जो रूप धारण किया, इससे ना सिर्फ इस क्षेत्र में हो रहे किसानों पर अत्याचार समाप्त हुआ बल्कि इससे पूरे देश में संदेश पहुंचा। चम्पारण सत्याग्रह के बाद आजादी की लड़ाई ने एक जबर्दस्त रूप धारण किया। 1917 के तीस साल के अंदर देश आजाद हो गया। उन्होंने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह का पूरे आजादी के इतिहास में विशिष्ट योगदान है. आज चम्पारण सत्याग्रह के सौंवे साल में हम सभी यहां एकत्रित हुये हैं, यह हम सबके लिये गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे देश एवं दुनिया में असहिष्णुता का माहौल है, टकराव का माहौल है. भौतिकतावादी चीजें लोगों के दिल एवं दिमाग पर हावी है। इस माहौल में गांधी जी के विचारों के लोग एक जगह हों और सार्थक विचार करें तो इस विमर्श से जो निष्कर्ष निकलेगा, वह देश एवं दुनिया के लिये काफी लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा समाज को जोड़ने की कोशिश की है। राज्य की जो भी नीतियां बनायी गयी है, उनमें प्रारंभ से इस बात का ख्याल रखा गया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक पहुचे। मेरा मार्गदर्शक सिद्धांत गांधी जी का सिद्धांत ही रहा है। हमने शुरू से न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी तबके के लोगों की भलाई के लिये कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिहार में एक बहुत बड़ा कार्य हुआ है। समाज में एक बहुत बड़ी बुराई व्याप्त थी शराब के सेवन की. इससे पूरा समाज बर्बाद हो रहा था। सरकार बनने के बाद मैंने पहला एलान किया कि 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करूंगा। लेकिन माहौल ऐसा बना कि चार दिनों के अंदर 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गयी। पूरे बिहार के लोगों द्वारा इसका स्वागत किया गया।       मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी जहां-जहां गये थे, उन जगहों पर स्मृति यात्रा का आयोजन होगा। 17 अप्रैल 2017 को पटना में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को हम सम्मानित करने जा रहे हैं। इस आयोजन में भाग लेने के लिये राष्ट्रपति एवं केन्द्रीय गृह मंत्री ने अपनी सहमति दे दी है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि चत्पारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह में हमारा मुख्य उद्देश्य है गांधी जी के विचारों से सबको अवगत कराना। उन्होंने कहा कि गांधी जी को सब मानते हैं, पर गांधी जी के विचारों को अपनाने के लिये कोई नजरिया नहीं है। उन्होंने कहा कि हम बापू के विचारों पर घर-घर दस्तक देंगे। गांधी जी के विचारों पर फिल्म बनाकर भी एक-एक गांव, सौ तक के बसावट वाले टोलों तक दिखायेंगे। साथ ही स्कूलों में बच्चों को रोज गांधी जी से जुड़ी कहानी प्रार्थना के बाद बताया जायेगा ताकि वे गांधी जी के विचारों से अवगत हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय विमर्श में आज के संदर्भ में क्या करना चाहिये, इस पर विचार हो। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचार के सभी पहलुओं पर विमर्श होना चाहिये। पर्यावरण पर भी जोर दिया जाय। आप गंगा नदी के किनारे हैं, गंगा नदी का हाल देख लें कि आज गंगा का क्या हाल है। उन्होंने कहा कि सभी विषयों पर जोर देना चाहिये। उन्होंने कहा कि आज जहां हम उपस्थित हैं, यह सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र है और उसी में विज्ञान भवन की तरह ज्ञान भवन बना है। उन्होंने कहा कि हमने शुरू में ही कहा था कि ज्ञान भवन का कोई उद्घाटन कार्यक्रम नहीं होगा। राष्ट्रीय विमर्श से ही इसका उद्घाटन होगा क्योंकि ज्ञान का मतलब है, विचारों को धरती पर उतारना।विमर्श में जो नतीजा निकलेगा, उन नतीजों को हमलोग पुस्तक की शक्ल में प्रकाषित करेंगे। नतीजों से लोगों को अवगत करायेंगे। आप एजेंडा सेट करें कि देश को कैसे आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि सिर्फ प्रतिक्रिया व्यक्त करने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा बल्कि आप लोगों को यह बतायें कि आपको क्या विकल्प नजर आता है।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर धर्माधिकारी, गोपाल कृष्ण गांधी, डा रजी अहमद, मेधा पाटेकर, सच्चिदानंद सिंह, न्यायमूर्ति राजेन्द्र सच्चर, प्रेरणा देसाई ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में डा एसएन सुब्बाराव द्वारा एक गीत प्रस्तुत किया गया। आयोजित राष्ट्रीय विमर्श कार्यक्रम में सभी विशिष्ट अतिथियों का शिक्षा मंत्री अषोक चौधरी द्वारा पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न देकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, कला, संस्कृति मंत्री शिवचन्द्र राम, विधायकगण, विधान पार्षदगण, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव षिक्षा आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव भवन निर्माण अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

 

LEAVE A REPLY