सुधीर मधुकर.पटना. प्राचीन आदिशक्ति गोरगांवा देवी मंदिर में सालों भर बिहार के ही नहीं देशभर के कोने-कोने से श्रद्धालुभक्त माता के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते है।| खास कर रामनवमी के मौके पर भीड़ होती है | यह मंदिर राजधानी पटना से करीब १२ किलोमीटर पश्चिम दानापुर स्टेशन पास गोरगांवा गाँव में स्थापित है | लोगों का मानना है कि रामनवमी के दिन माता के दर्शन करने से उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है। यहां माता की नौ पींड के रूप में विराजमान हैं । लोगों का मानना है कि इस दिन सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलती है।इस कारण सुरक्षा की वेहतर व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जाती है | स्थानीय बुजुर्ग रामशीष राय और पूर्व मुखिया उदयशंकर राय आदि का कहना है कि जब यहां घनघोर जंगल हुआ करता था, आसपास सिर्फ कुछ बस्तिया थी । एक ग्रामीण स्वप्न में मां देवी आई और कहा की मुझे यहा स्थापित करो तभी इस इलाके का कल्याण व भला हो पाएगा। ग्रामीण की आंख खुली तो देखा की एक बरगद के पेड़ के नीचे माता के नौ पिंड मौजूद है। उसी समय से ग्रामीणों ने रामनवमी के अवसर पर भव्य पूजा अर्चना की शुरुआत की जाने लगी। यहाँ मनोकामनाएं पूरा होने के बाद भक्त खस्सी का बलि भी देते हैं,जो आज भी जारी है | इस मौके पर भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें हर प्रकार के सामग्री के अलावा मनोरंजन और खाने के कई साधन मौजूद रहते है। यहाँ सालों भर प्रत्येक रविवार को दूर-दूर से छात्र और अन्य श्रद्धालु यहां आकर नारियल व चुनरी चढ़ा कर माता की पूजा-अर्चना कर माँ के सामने अपनी मांगों को विनम्रता से रखते हैं । इस समय गोरगांवा आदिशक्ति मां की मंदिर सजधज कर भक्तों के पूजा-अर्चना के लिए तैयार है।