सीएनटी-एसपीटी एक्ट मामले में स्वार्थी तत्व कर रहे हैं व्यवधान-रघुवर दास

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हिमांशु शेखर.रांची.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड से बेरोजगारी एवं गरीबी को दूर करने तथा पलायन को रोकने के लिए सीएनटी-एसपीटी का सरलीकरण कर पूर्ववर्ती सरकारों के द्वारा किए गए अधूरे कामों को वर्तमान सरकार ने पूरा किया है। इस पर कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। रैयतों की अपनी जमीन पर उनकों अपना व्यवसाय करने से वंचित रखने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एवं तत्कालीन टीएसी के सदस्यों द्वारा कृषि भूमि पर किए गए व्यवसायिक कार्यों के नियमित करने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई थी। साथ ही सीएनटी-एसपीटी के अन्तर्गत उद्योग लगाने एवं खनन संबंधित संशोधन भी किया गया था, लेकिन आज रैयतों को अपनी जमीन पर अपना उद्योग लगाने व व्यवसाय करने से रोका जा रहा है। इसका एक ही उद्देश्य है कि उनकी गरीबी दूर न हो, वे शिक्षित न हो, रेजा एवं कुली का ही कार्य करते रहें और स्वार्थी तत्वों की आर्थिक समृद्धि बढ़ती रहे। पूर्व में मुआवजा के अधार पर जमीन हस्तांतरण का अनुचित कार्य किया  गया। वर्तमान सरकार ने मुआवजा के आधार पर जमीन हस्तांतरण के प्रावधान को भी समाप्त किया। मुख्यमंत्री मंगलवार को झारखण्ड मंत्रालय के सभागार में रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।

छात्रों ने मुख्यमंत्री से जिज्ञासावश कई प्रश्न भी पूछे। एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में जमीन हड़पने का भ्रम फैलाया जा रहा है। बिना सहमति के किसी भी रैयत की जमीन को कोई नहीं ले सकता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कोई बताए कि सरकार ने बिना सहमति के किस रैयत की जमीन ली है।छात्रों ने स्थानीय नीति लागू करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता प्रकट की तथा कहा कि वे सरकार के विकास के एजेंडे के साथ हैं। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, रांची विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ त्रिवेणी नाथ साहू, डॉ उमेश नन्द तिवारी, डॉ हरि उरांव, डॉ महेश भगत, डॉ विनोद कुमार महतो, डॉ सरस्वती गगरई, रितेश सिंह, जुरन सिंह मनकी, डॉ विरेन्द्र सोय,एमलीन केरकेट्टा, सबिता मुण्डा, आश्रिता टूटी, ज्योति रानी सिंकु, सारा पुर्ती समेत बड़ी संख्या शोधार्थी भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा विरोध तो किया ही जा रह था। इस मामले में कैथोलिक चर्च के कूद जाने से आंदोलन को विपक्षी दलों द्वारा नयी हवा देने की कोशिश जा रही है। ईसाई धर्म गुरूओं ने विगत दिन राज्यपाल से मिलकर एक्ट संशोधन का विरोध किया और इसे रोकने की मांग की। कहा कि संशोधन आदिवासियों के हित में नहीं  है। राज्यपाल से मिलने वालों में कार्डिनल सहित कई विशप थे। समझा जाता है कि इसी धुएं को रोकने की कड़ी में मुख्यमंत्री ने आज रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के शिक्षकों के साथ बैठक की।

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