इमरजेंसी में दानापुर रेल मंडल अस्पताल भगवान भरोसे

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सुधीर मधुकर.दानापुर.पूर्व मध्य रेल का सब से पुराना और मत्वपूर्ण मंडल मुख्यालय स्थित दानापुर मंडल अस्पताल इस समय खास कर भगवान भरोसे है | मुख्यालय में  संध्या 4 बजे से सुबह 9 बजे तक एक मात्र हड्डी रोग के डॉ.आरके वर्मा को छोड़ कर कोई भी डाक्टर नहीं रहते हैं | इस बीच सिर्फ इमर्जेसी सेवा के ही डाक्टर रहते हैं | सभी डाक्टर मुख्यालय से बाहर पटना आदि जगहों में रहते है |

अस्पताल का देखभाल करने वाले मुख्यचिकित्सा अधीक्षक आरएन राय भी रेल आवास के आभाव में राजेन्द्रनगर रेस्ट हॉउस में रह रहे हैं | इस बीच अस्पताल में भर्ती या फिर इमरजेंसी में भर्ती होने वाले रोगियों को अगर ऑपरेशन कर के जान बचाने की नौवत आती है तो इस समय  न तो अस्पातल में सर्जन और न बेहोशी का डाक्टर ही मिलेगा | कोई विशेषज्ञ  डाक्टर की सेवा ही मिलेगी | जब तक पटना से आएगा तब तक रोगी दम तोड़ देंगे | वहीं दूसरी ओर  कहीं भी दानापुर मंडल में ट्रेन दुर्घटना होती है तो,उसे 15मिनट के अन्दर मेडिकल रिलीफ गाड़ी में पहुंचना पड़ता है,जो पटना में रह कर किसी तरह से भी संभव नहीं है |

मालूम हो कि इस से पहले मुख्यालय में रहने वाले डॉ. उमेश कुमार लम्बे समय से सीबीआई केश और बीमारी के कारण नहीं हैं | डॉ. प्रभात रंजन ने रेलअस्पताल से इस्तीफा दे दिया है|डॉ.कौशल किशोर का स्थानान्तरण केन्द्रीय रेलवे अस्पताल,पटना हो चुका है | डॉ. केशव आर्य और डॉ.एके सिन्हा सेवानिवृत हो चुके हैं | इस सम्बन्ध में पूर्व मध्य रेल के मुख्यचिकित्सा निदेशक आरपी त्रिवेदी का कहना है कि निश्चित रूप से समस्या है | इस का समाधान ढूंढा जा रहा है | अस्पताल के नए मुख्यचिकित्सा अधीक्षक डॉ.आरएन राय ने बताया कि फिलहाल यहाँ 15 डाक्टर है | ओपीडी में 400 से अधिक रोगियों को देखा जाता है | सूत्रों का माने तो एक तो रेल आवास खाली भी नहीं है और खाली भी हो तो पटना में रहने वाले डाक्टर मुख्यालय में रेल आवास ले कर रहना नहीं चाहते हैं | इस सम्बन्ध में बिभिन्न रेलवे संगठन के नेताओं शशिकांत पाण्डेय,संजय मंडल,ब्रजेश प्रसाद, मुनमुन प्रसाद,बशिष्ठ पाठक आदि का कहना है कि रोगियों का जान बचाने के इमरजेंसी समय में अस्पताल में डाक्टर का नहीं होना वरीय अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़ा होता है | करीब 15 डाक्टर अभी है,लेकिन रात्रि में कोई डाक्टर मुख्यालय में नहीं रहते हैं | जबकि वेतन के अलावा भी एक भारी भरकम राशि डाक्टर उठा रहे हैं, रोगियों के ईलाज के नाम पर | दानापुर अस्पाताल से 20 प्रतिशत सुविधाओं की कटौती भी हो चुकी है |

 

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