हिमांशु शेखर.रांची.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों से झारखंड की गरीबी एवं बेरोजगारी दूर होगी। इससे न केवल राज्य से पलायन रूकेगा अपितु राज्य के आर्थिक संसाधनों का उपयोग लोगों के समुचित विकास हेतु हो पायेगा। इन नीतियों से निवेशक भी आकर्षित हो कर यहां निवेश करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास तभी होगा जब कृषि के साथ-साथ उद्योग का भी विकास हो और इस उद्योग में झारखण्ड के संसाधन (रिर्सोसेस) का उपयोग हो। यहां के रिर्सोस पर आधारित वेल्यू एडेड प्लांट स्थापित हो। वे आज ग्लोबल इंवेस्टर समिट मोमेन्टम झारखंड 2017 की तैयारी की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि झारखण्ड के पास देश की 40 प्रतिशत खनिज संपदा है। मेहनतकश और योग्य मानवबल हैं। आवश्यकता है मेक इन झारखण्ड कार्यक्रम को बढ़ावा देने की। इसके लिए हमें बस अपना माइंडसेट बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में झारखंड की छवि बदल रही है। ग्लोबल इंवेस्टर समिट से न केवल राज्य में निवेश आयेगा,बल्कि यहां से लौट कर जानेवाले प्रतिनिधि राज्य की अच्छी छवि भी साथ ले जायेंगे। हम अपने राज्य की छवि को और बेहतर बनायें यह सभी का दायित्व है।उन्होंने कहा कि टीम झारखंड के कारण ही हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं। अधिकारी-कर्मचारी समर्पण और जुनून के साथ काम करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि व्यापारी-उद्योगपति के प्रति गलत धारणा न रखें। वे अपनी जमा पूंजी लगातें हैं। लोगों को रोजगार देते हैं। लाभ दिखेगा तभी कोई हमारे यहां निवेश करेगा।निवेश से ही राज्य में सड़क एवं बिजली की ग्रीनफील्ड योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सकता है।यह भी स्पष्ट है कि सड़क और बिजली समाज की उन्नत्ति का प्रतीक है।उन्होंने कहा कि सड़क एवं बिजली के साथ-साथ स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट,ट्रांसमीशन लाईन इत्यादि में निवेश की आवश्यकता है। निवेश के लिए उद्यमियों/व्यापारियों के साथ अच्छा व्यवहार करें,सहयोग करें।आधारभूत संरचना एवं औद्योगिक विकास से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य से पलायन रूकेगा।मजबूरी में राज्य के बाहर काम कर रहे अपने बच्चों को हम वापस लायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचना से प्रेरणा मिलती है और चुनौतियों से अवसर। संकीर्ण मानसिकता एवं संकुचित सोच से विकास कार्य/इनोवेटिव कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इस सोच से उबर कर हम झारखण्ड को एक उन्नत प्रदेश बनाने की दिशा में पूरे मनोयोग से कार्य करें।
बैठक में बताया गया कि 16-17 फरवरी को होनेवाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट में चार देश जापान,चेक रिपब्लिक,ट्यूनेसिया व मंगोलिया पार्टनर कन्ट्री हैं। इसमें लगभग 2500 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय डेलिगेट्स के शामिल होने का अनुमान है।12-15 केंद्रीय मंत्रियों व 40से ज्यादा इंडस्ट्री लीडर के आने की संभावना है। अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, चीन, अफगानिस्तान व यूएई के इंटरनेशनल बिजनेस डेलिगेशन भी इसमें शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्रियों में अरूण जेटली,वेंकैया नायडू,नीतीन गड़करी,एन सीतारमण,रविशंकर प्रसाद, जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी,जयंत सिन्हा,सुदर्शन भगत समेत अन्य मंत्री शामिल होंगे। बिजनेस डेलिगेशन में प्रमुख रूप से कुमार मंगलम बिड़ला, रतन टाटा, शशि रूईया, प्रशांत रूईया,सुभाष चंद्रा,नवीन जिंदल,सज्जन जिंदल,गौतम अडानी,अनिल अग्रवाल, सतीश पाई,अशीष दूबे,प्रतीक अग्रवाल समेत अन्य उद्योगपति शामिल होंगे।
दो दिन के दौरान सेक्टोरल सेमिनार भी आयोजित किये जायेंगे। इसमें 16 फरवरी को शहरी विकास व हाउसिंग, आइ0टी0 व इ-गर्वनेंस तथा ऊर्जा विभाग का सेमिनार होगा। 17 को कृषि, खाद्य प्रसंस्करण,पशुपालन,सहकारिता, उद्योग, माइनिंग,टेक्सटाइल,गारमेंट, फूटवियर, उच्च शिक्षा, स्कील डेवलेपमेंट, ऑटोमोबाइल व ऑटो कंपोनेंट और हेल्थकेयर पर सेमिनार होगा। इससे पहले 15 फरवरी को मुख्यमंत्री के द्वारा महत्वपूर्ण लोगों को रात्रि भोज दिया जा रहा है। समारोह के दौरान राजधानी में सुरक्षा और ट्रैफिक की विशेष व्यवस्था किये जायेंगे। शहर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। बैठक के दौरान सभी मंत्री, मुख्य सचिव, डी0जी0पी0, प्रधान सचिव, सचिवगण, वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।