केन्द्रीय बजट पर अलग-अलग प्रतिक्रिया

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निशिकांत सिंह.पटना.केन्द्रीय बजट पर विभिन्न नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है.भाजपा ने जहां इसे विकासात्मक व गरीब-किसान का हितैषी बताया तो विपक्ष ने इसे गरीब-विरोधी बताया है.भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि केन्द्रीय बजट गांव, गरीब और किसानों के विकास का बजट है। आने वाले दिनों में बजट के आशातीत परिणाम दिखने लगेंगे।

श्री राय ने गांव, गरीब और किसानों की बेहतरी के लिये किये गये प्रावधान और लक्ष्य के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को बधाई देते हुए आज यहां कहा कि किसानों की आमदनी को पांच वर्ष में दोगुना करने, दस लाख करोड़ रूपये की कृषि कर्ज, फसल बीमा का कवरेज 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने और कृषि विज्ञान केन्द्रों में लघु विज्ञान प्रयोगशालाओं के केन्द्र सरकार के फैसले से कृषि क्षेत्र में क्रांति और उत्पादन में वृद्धि सुनिष्चित है। इससे किसानों का बड़ा तबका लाभान्वित होगा। वहीं दूसरी ओर मनरेगा का आवंटन बढ़ाकर 48 हजार करोड़ करने , गरीबों के लिये सुनिष्चित रोजगार योजना सन् 2019 तक एक करोड़ परिवार को गरीबी रेखा से ऊपर लाने व एक करोड़ बेघरों को घर देने के निर्णय से गरीब, दबे, कुचले लोग लाभान्वित होंगे। चंपारण सत्याग्रह की स्वर्ण जयंती मनाने के ऐलान से बिहारवासी फूले नहीं समां रहे हैं । बजट में स्कील इंडिया के लिये एक हजार कौशल विकास केन्द्रों के लक्षय से युवा पीढ़ी लाभान्वित होगी । बजट में महिला कल्याण के विविध योजना से महिलाओं को भी लाभ मिलेगा ।

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि केन्द्रीय बजट 2017 रोजगार सृजन तथा कालेधन पर करारा प्रहार करने के साथ ही गरीबों के जीवन में सुधार एवं आधारभूत संरचना के विकास को गति देने वाला है। बजट पूरी तरह गांव, गरीब और किसानों पर केन्द्रित है जिसका बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्य को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। बजट में एक करोड़ लोगों व 50 हजार ग्राम पंचायतोंको गरीबी से मुक्त करने, गरीबों के लिए एक करोड़ मकान बनाने, आवास योजना के लिए 29 हजार करोड़, मनरेगा में सर्वाधिक 10 हजार करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 20 हजार करोड़ तथा शौचालय निर्माण के लिए 16 हजार करोड़ के प्रावधान के साथ ही 1 मई, 2018 तक सभी गांवों का विधुतिकरण होगा। इन सभी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ आवास, शौचालय, सड़क आदि के क्षेत्र में पिछड़े बिहार को मिलेगा। गुमनाम राजनीतिक नगद चंदे की सीमा 2 हजार रुपये तथा इलेक्ट्रॉल बांड जारी कर राजनीति में कालेधन पर अंकुश की पहल की गई है।

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष डा रामचन्द्र पूर्वे एवं प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने वित्तमंत्री अरूण जेटली द्वारा लोकसभा में आज प्रस्तुत केन्द्रीय बजट को निराशाजनक और अव्यवहारिक बताया है।राजद नेताओं ने कहा कि वित्तमंत्री ने अपने भाषण में शेरों-शायरी के द्वारा केवल भ्रम पैदा कर लोगों को बरगलाने का प्रयास किया है। नोटबंदी के कारण लड़खराई देश की आर्थिक व्यवस्था और गिरते विकास दर पर केवल जुमलेबाजी की गई है। इसे पटरी पर लाने का कोई सार्थक पहल नहीं बताया गया है।

राजद नेताओं के अनुसार बजट में किसानों, युवाओं, मजदूरों और कामगारों को पूर्ण रूप से नजरअंदाज कर दिया गया है। लोगों को उम्मीद थी कि इस बजट में किसानों के फसल का लाभाकारी मूल्य दिलाने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कुछ कारगार कदम उठाये जायेंगे पर निराश होना पड़ा। कुल मिलाकर यह बजट कारपोरेट घरानों के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है। मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के हितों की उपेक्षा की गई है।

झारखंड में भाजपा के सहयोगी आजसू ने भी बजट की प्रशंसा की.आजसू पार्टी के प्रवक्ता देवशरण भगत ने बजट को संतुलित बताया एवं आशा जताई की सरकार की घोषणाएं केवल कागज तक सीमित न रहकर, जमीन पर क्रियान्वित भी होंगी।बजट पर बिन्दुवार प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई का आजसू पार्टी समर्थन करती है, राजनितिक दलों के चंदो पर लिए गए निर्णय का स्वागत योग्य है।झारखण्ड में एम्स की स्थापना की योजना स्वागत योग्य है पर झारखण्ड को केंद्र की भाजपा सरकार से इससे कही ज्यादा उम्मीदे थी। झारखण्ड पांचवी अनुसूचि में शामिल प्रदेश है। राज्य के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था बजट में होनी चाहिए थी। डिजिटल ट्रांसक्शन को बढ़ावा देने के साथ-साथ डिजिटल बैंकिंग की सुरक्षा पर भी सरकार को विशेष ध्यान देना होगा। डिजिटल इकॉनमी की पहुँच सुदूर आदिवासी इलाकों में कैसे हो सरकार को इसपर भी ध्यान देना चाहिए।

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