हिमांशु शेखर.रांची.रांची की निर्भया हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई से होगी। परिजनों, जनप्रतिनिधियों और विद्यार्थियों की मांगों पर झारखंड सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले की सीबीआई जांच की संचिका को हरी झंडी देते हुए उस पर अपने दस्तखत कर दिये हैं। गौरतलब है कि 16 दिसम्बर की रात रांची के सदर थानान्तर्गत बूटी मोड़ के समीप निर्भया के साथ उसके आवास में बलात्कार कर हत्या कर दी गयी थी। फिर उसके शव को जला दिया गया था। घटना के बाद लोगों में जर्बदस्त आक्रोश है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रैली और कैंडल मार्च निकालने का सिलसिला जारी है। राज्य पुलिस घटना में शामिल दरिंदो को दबोचने में पूरी तरह से विफल हो गयी है। हालांकि घटना के समय एडीजी ने 24 घंटे में दरिंदों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। फिर डीजीपी ने दो दिनों की मोहलत मांगी थी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने भी दो दिनों में कांड के खुलासे की बात कही थी। लेकिन तमाम दावे अबतक खोखले साबित हुए हैं। इस कांड की जांच के लिए रांची पुलिस, एसआईटी, खुफिया विभाग, साइबर सेल, सीआईडी सहित कई एजेंसियों की अलग- अलग टीमें भी बनायी गयी थीं, लेकिन दरिंदगों की अबतक न तो पहचान हो सकी और न ही घटना को अंजाम देने में शामिल किसे दरिंदे को गिरफ्तार किया जा सका। पुलिस सिर्फ कयास लगाती रही, किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने में उसे कामयाबी नहीं मिली। घटना के संबंध में रांची के सदर थाना में 16 दिसम्बर 2016 को कांड संख्या 534/16 में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
निर्भया मूलरूप से रांची के सिल्ली थाना के पोगड़ा गांव की निवासी थी। सिल्ली के विधायक अमित कुमार ने दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। निर्भया के अभिभावकों ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर सीबीआई जांच की मांग उनके समक्ष रखी थी। बहरहाल मांगों और दबावों के बीच राज्य सरकार द्वारा रांची की निर्भया हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया गया। निर्भया रांची में रहकर एक स्थानीय निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई कर रही थी।