नई दिल्ली/रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बैंकिंग सेवाओं में विस्तार किये जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन दिए जाने से वित्तीय मामलों में पारदर्शिता आएगी और राजस्व संग्रहण में वृद्धि करने एवं सभी स्तर पर सुविधाओं को बढ़ाने में सफलता मिलेगी।
श्री दास बुधवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय बजट 2017¬-18 पर विचार एवं सुझाव के निमित्त केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने बताया कि पूरे झारखण्ड में दो दिसम्बर 2016 से एक अभियान चलाया गया है एवं अभी तक राज्य की 63 पंचायतों को डिजिटल पेमेन्ट सुविधायुक्त घोषित किया जा चुका है। बैंकिग सेवाओं के विस्तार के लिए 5,000 से अधिक आबादी वाले झारखण्ड राज्य में चिन्हित 137 ग्रामों में से 21 ग्रामों में बैंकों की शाखा खोली जा चुकी है। श्री दास ने शेष बचे 116 ग्रामों में बैंकों की शाखा खोलने का अनुरोध भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में एफआरबीएम एक्ट के तहत ऋण लेने की निर्धारित सीमा 3.5 प्रतिशत में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए एक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त राशि प्राप्त हो सकेगी तथा बैंकों के पास उपलब्ध राशि का भी उत्पादक कार्यों में उपयोग हो सकेगा।उन्होंने जन वितरण प्रणाली की दुकानों को बैंक मित्र बनाकर उनके माध्यम से बैंकिंग सेवायें उपलब्ध कराने का अपना सुझाव दुहराया और कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने में बैंकों, मुख्यतः सरकारी क्षेत्र के बैंकों, को आगे आने की जरूरत है। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल कनेक्टीविटी को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता जतायी। इसके लिए जरूरी आईटी इन्फ्रास्टक्चर को शीघ्र दुरूस्त करने पर जोर दिया। इसके अलावा डिजिटल लेनदेन की लागत को कम करने का भी सुझाव दिया।उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार 5,000 रुपये तक के मूल्य के स्मार्ट फोन तथा इ-पॉस मशीन की खरीददरी पर वैट में छूट छूट दे रही है। इसके साथ ही उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार अपने संसाधन से 54 करोड़ रुपये व्यय कर मोबाईल टावरों में वाईफाई, 3जी और 4जी की सुविधा उपलब्ध करा रही है।
श्री दास ने नई राजधानी के निर्माण के लिए 4,000 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने का अनुरोध किया। इसके अलावा श्री दास ने एचईसी के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए सहायता मांगी और झरिया पुनर्वास पर विषेष ध्यान देने का अनुरोध किया।