संवाददाता.पटना.बिहार की राजधानी पटना में फैशन और टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए एक फैशन शो का अयायोजन किया गया. इस शो के जरिए बिहार के कुछ डिज़ाइनरस साथ आए और अपनी क्रिएटिविटी सामने रखी. इस शो को लेकर लोगो में भी बेहद उत्साह दिखा. पटना में पहली बार लोगो ने ऐसा शो देखा जहा एक दिन में 3 डिज़ाइनरस ने अपनी क्रिएटिविटी सामने रखी.
इस शो में IWEAREHANDLOOM को सपोर्ट करने से लेकर मधुबनी पेंटिंग और हाथ की कढ़ाई पर जोर दिया गया. डिज़ाइन कलेक्शन में 22 मॉडल्स ने रैंप वाक किया. जिसमे ऑटम – विंटर कलेक्शन में वेस्टर्न वेयर से लेकर ट्रेडिशनल वेयर तक के कलेक्शन पेश किये गए.
पटना में पहली बार यह एक ऐसा प्लेटफार्म था जहा एक दिन में 3 डिज़ाइनर ने अपना कलेक्शन पेश किये. Amour,Angse, और Batch Plus.सबसे पहला शो का थीम फ्यूचर बेस्ड कलेक्शन रहा. इस कलेक्शन में जूट, मैट, पेपर, मेटलिक शीट से बने कपड़े रैंप पर नज़र आएं.
दूसरा शो डिजाईन लेबल ‘Angse’ का रहा . जिसके डिज़ाइनर मिस्टर आशीष ने अपने थीम पीकॉक को रैंप पर उतारा.और ग्रैंड फिनाले शो रहा डिज़ाइन लेबल Amour से डिज़ाइनर अभिजीत सिंह का जिन्होने अपना थीम मॉडर्न-विंटेज शोका से किया. अभिजीत ने अपने बनाए मॉडर्न कलेक्शन में विंटेज एम्ब्रायडरी पेश की. इस कलेक्शन में हैंडलूम को सपोर्ट करने से लेकर से मधुबनी पेंटिंग ,हाथ कढाई, तक की झलक रैंप पर नज़र आई.
इसके अलावा एगज़िबिसन एरिया में भी लोगो के खास आकर्षण के लिए डिज़ाइनरस के ब्रांड्स थे और साथ ही फ्लोरल जेवेलेरी से लेकर कॉरपोरेट और पर्सनल गिफ्टिंग के ऑप्शन दिखे.
यह शो ई थ्री इवेंट्स एंड मैनेज्मेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने ओर्गनाइज किया . ई थ्री इवेंट्स एंड मैनेज्मेंट्स ने सोशल कॉज के तहत के PCF( Peoples care family) से हाथ मिलाया है. ये फाउंडेशन भिखारियों के लिए भी काम करता है. जिसके कैंपेन भंडारा के तहत कपड़ा पहनाने और खाना जुटाने के लिए फैशन रनवे उनका सहियोग कर रहा है और पटनावासियों को आगे आने की अपील भी कर रहा है ताकि वो इन जरुरतमंदो को कपड़े डोनेट और खाना डोनेट कर सके.
फैशन रनवे E3 का ये आईडिया इस सोच के साथ सामने आया कि बिहार में फैशन और टेक्सटाइल इंडस्ट्री की अपार संभावनाओ के साथ भी ये पीछे है. चाहे हम सिल्क की बात करे लिनन की हैण्डलूम की या आर्टिस्टिक वर्क जैसे मधुबनी पेंटिंग, सुजनी आर्ट, पॉटरी वर्क, टिकुली आर्ट या सिक्की आर्ट की . बिहार में ऐसी कई कलाएँ है जो सामने नहीं आई या उसे उतनी एहमियत नहीं दी जाती . इसी आईडिया पर काम करते हुए E3 इवेंटस एंड मनागेमेंट्स के जीतेन्द्र ने ये कोशिश की है.