निशिकांत सिंह.पटना.अंतत: नीतीश सरकार ने शहाबुद्दीन को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का निर्णय लिया. विपक्षी दलों के तेवर और शहाबुद्दीन के द्वारा नीतीश कुमार पर लगातार हमले के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है.जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डा. अजय आलोक ने कहा कि यह तो सामान्य प्रक्रिया है.जब भी किसी को निचली अदालत से बेल मिलती है तो राज्य सरकार ऊपरी अदालत में जाती है.
मालूम हो कि कांग्रेस ने भी इस मामले में दोटूक कहा कि राजद सरकार में रहकर मुख्यमंत्री की आलोचना बंद करे.कांग्रेस के द्वारा के पक्ष में खड़े होने के बाद राज्य सरकार को नैतिक बल मिला और मो. शहाबुद्दीन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का फैसला लिया गया.
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है.राज्य में सुशासन रहेगा आपलोग निश्चिंत रहे.सूत्रों की माने तो शहाबुद्दीन के खिलाफ राज्य सरकार खासकर जदयू ने तब अपना तेवर दिखाया जब शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार को नेता मानने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार को परिस्थिति के मुख्यमंत्री कहा और साथ ही कहा कि नीतीश कुमार को औकात नहीं है कि वो बीस सीट भी अपने बलबूते जीत सके.
कल ही राज्य के शिक्षा मंत्री व बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने साफ कहा था कि हमलोग चुनाव लड़े थे नीतीश कुमार के चेहरा को आगे कर के. तभी भाजपा को हरा पाये थे. अगर राजद को लगता है कि वह अपना नेता किसी और को चुने तो महागठबंधन से अलग हो जाए. अशोक चौधरी ने साफ लहजों में कहा था कि सरकार में रहकर नीतीश कुमार के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी करे यह ठीक नहीं है. इपर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने कहा था कि कांग्रेस में निर्णय लेने का अधिकार केवल सोनिया गांधी को है अशोक चौधरी के बयान को पार्टी नोटिस नहीं लेती.
इसी दौरान जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का बयान आया कि सरकार इंजेक्शन देना भी जानती है. हर मर्ज की दवा राज्य सरकार के पास है.इसके बाद ही राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने शहाबुद्दीन के बयान को सही ठहराया और कहा कि शहाबुद्दीन बिल्कुल सही कहा है और नीतीश कुमार परिस्थिति के मुख्यमंत्री हैं. इस बीच नेताओं का बयानबाजी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा.इधर सीवान के एसपी सौरभ कुमार साह ने कहा कि मो कैफ की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है और जल्द ही गिरफ्त में आ जाएगा.