मांझी-नीतीश की मुलाकात,इफ्तार या राजनीति ?

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प्रमोद दत्त.पटना.राजनीति में एक-दूसरे के घोर विरोधी नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी की हुई मुलाकात.दोनों मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से बातचीत भी की.अवसर था लालू प्रसाद के घर इफ्तार पार्टी. दोनों के बीच खुब गुफ्तगू भी हुई.

लालू प्रसाद ने दो घोर राजनीतिक विरोधियों को एक खुशनुमे माहौल में मिलाया.लालू प्रसाद के आवास पर दावते-इफ्तार का आयोजन किया गया था. इस इफ्तार पार्टी में महागठबंधन के सभी मंत्री और कई विधायक व नेता शामिल हुए. इसका आयोजन 3 देशरत्न मार्ग में हुआ.

नई सरकार बनने के बाद लालू प्रसाद के आवास में पहला बड़ा आयोजन हुआ. मुख्य अतिथियों के लिए एक अलग पंडाल बना था. जहां पर लालू प्रसाद राबड़ी देवी, मीसा भारती, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, रामजेठमलानी, विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी, विधानपरिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, आदि बैठे थे.

लालू प्रसाद ने सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया. मलमल की टोपी पहनाई और सोफे पर अपने बगल में बैठाया. मांझी और नीतीश कुमार एक दूसरे से बातचीत में मशगुल रहे. दोनों नेताओं ने कहा कि रमजान के पाक महीने में सम्मलित हुआ हूं. इस तरह के आयोजन से सांप्रदायिक सदभाव बढ़ता है.

लालू के आवास पर भाजपा के कोई नेता शामिल नहीं हुए. इसपर लालू प्रसाद ने कहा कि बीजेपी के नेता हमारे आवास पर आने से डरते है. मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री है. सियासत अपनी जगह मुलाकात अपनी जगह है.

इस मुलाकात के राजनीतिक मतलब निकाले जाने लगे हैं.लालू प्रसाद और नीतीश कुमार देश को भाजपा मुक्त बनाना चाहते हैं.भाजपा व एनडीए को कमजोर करने के लिए दोनों कुछ भी कर सकते हैं.दूसरी ओर मांझी भी अपनी लड़खड़ाती नैया पार लगाना चाहते हैं.नीतीश-लालू के करीब जाने से हो या करीबी दिखाकर भाजपा से सौदेबाजी करके हो.राजनीति में सबकुछ जायज है.

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