निशिकांत सिंह.पटना.बिहार के चर्चित इंटर टॉपर्स घोटाले में एसआईटी की कार्रवाई अब तेज हो गई है. बच्चा राय को मदद करने वाले दारोगा को एसआईटी टीम से निकाल दिया गया है. हर दिन नये खुलासे हो रहे है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह के काले कारनामों की फेहरिस्त लम्बी होती जा रही है. बिहार बोर्ड के शीर्ष पद पर बैठकर फर्जी तरीके से कॉलेज भी चलाते थे. वहीं फार्म भरा जाता था औऱ वहीं पर रिजल्ट भी मिल जाता था. बस इसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती थी.
सीएम के करीबी लालकेश्वर प्रसाद सिंह सत्ता का धौस भी देता था. लालकेश्वर अपना राजनीतिक पहुंच का दुरूपयोग जमकर करता था. उन्होंने बिशुनराय कॉलेज के प्रबंधन को हर स्तर पर मदद की. जो बिके उन्हें रूपये दिए गए, जो नहीं बिक सके उन्हें धमकी दी गई.किसी ने रूपयों की लालच में तो कोई जान औऱ पद बचाने के लिए टॉपर घोटाला में उनका साथ दिया. फिलहाल पुलिस के पास लेनदेन के पुख्ता सबूत नहीं है. लेकिन जीए कॉलेज की प्रिंसपल शैल कुमारी से पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि छात्रों की परीक्षा के दौरान बच्चा राय ने खुद संपर्क किया था. उन्होंने पहले तो इंकार किया फिर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी से बात कराया गया. विभागीय अधिकारी से बात करने के बाद बच्चा ने कहा कि काम तो होगा लेकिन भले ही आप न रहें. उसके बाद वो डर गई और जान बचाने के लिए साथ दिया. अभी हर दिन फर्जी तरीके से टॉपर बनाने के खेल की नई कहानी सामने आ रही है.
एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि आरोपियों के बैंक खाते खंगाले जाएंगे. सातो आरोपी लालकेश्वर प्रसाद, अमित कुमार उर्फ बच्चा राय, शैल कुमारी, विकेश्वर प्रसाद यादव , संजीव कुमार सुमन, रणजीत कुमार मिश्रा के बैंक खाते को खंगाला जाएगा. इसके बाद और मामलों का खुलासा होगा.