नाबालिग को निर्वस्त्र करने की बेगूसराय की घटना पर चुप्पी तोड़ें सीएम- सुशील मोदी

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Vajpayee era

बेतिया और रामगढवा में भी महिला को बाँध कर सरेआम पीटने की घटनाएँ। मणिपुर की घटना पर छाती पीटने वाले बतायें, क्या बिहार की बेटियों से बर्बरता जायज है? बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री ने भी महसूस नहीं किया बेटियों का दर्द।
संवाददाता.पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भीड़ ने बेगूसराय में  नाबालिग छात्रा को निर्वस्त्र कर पीटा, लेकिन पुलिस कुछ न कर सकी। बेतिया और रामगढवा में भी महिला को बाँध कर सार्वजनिक रूप से पीटने और अपमानित करने की घटनाएँ हुईं। तीन दिन के भीतर की इन बर्बर घटनाओं पर मुख्यमंत्री और उनके ज्ञानी प्रवक्ताओं ने चुप्पी साध ली।
श्री मोदी ने कहा कि बेशक, मणिपुर की घटना निंदनीय है और प्रधानमंत्री ने भी उस पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, लेकिन बेगूसराय में छात्रा से  बर्बरता की घटना पर फर्जी इंडिया से जुड़े दलों को न कोई पीड़ा हुई, न कोई शर्मसार हुआ।उन्होंने कहा कि बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने हाल की इन घटनाओं पर एक शब्द नहीं कहा, क्यों? उन्हें महिला की पीड़ा महसूस नहीं हुई? उन्होंने कहा कि महिला किसी राज्य की हो, किसी धर्म-जाति की हो, लेकिन उसके साथ भीड़ की बर्बरता पर चुनिंदा चुप्पी और चुनिंदा विलाप की राजनीति बंद होनी चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि मुजफ्फरपुर में प्रापर्टी डीलर समेत तीन की हत्या,  बालिका विद्यालय में घुस कर 15 छात्राओं की लाठी से सामूहिक पिटाई, बक्सर में दो नाबालिग बहनों को अगवा कर उनके साथ दुष्कर्म और फिर उन्हें बेच दिये जाने का दुस्साहस और  भागलपुर में छात्राओं से सरेराह छेड़खानी करने के आरोपी को छुड़ा ले जाने वाली भीड़ के आगे पुलिस का बेबस रह जाना क्या बिहार को शर्मसार करने वाली घटनाएँ नहीं हैं? क्या यह जंगलराज की वापसी नहीं है? उन्होंने कहा कि ललन सिंह, शिवानंद तिवारी और मंत्री अशोक चौधरी मणिपुर की घटना पर जो सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रहे हैं, वे सवाल अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से क्यों नहीं पूछते ?

 

 

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