भाजपा के खिलाफ पटना में विपक्षी दलों का महाजुटान

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संवाददाता.पटना.2024 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ भाजपा को सत्ता से बाहर करने के उद्देश्य से पटना में विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक हुई जिसमें 17 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया।इस बैठक में साथ मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया।लेकिन बैठक के तत्काल बाद आप ने घोषणा कर दी कि कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं करेंगें।
शुक्रवार को पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विगत कई महीनों के प्रयास तब सफल होते दिखे जब देश की 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं का महाजुटान हुआ।इस बैठक में जदयू के नीतीश कुमार व राजद के लालू प्रसाद व तेजस्वी यादव के अलावा कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल गांधी,टीएमसी की ममता बनर्जी,डीएमके के एमके स्टालिन,आप के अरविन्द केजरीवाल व भगवंत मान,झामुमो के हेमंत सोरेन,एनसीपी के शरद पवार,सीपीआई के डी राजा,सीपीएम के सीताराम येचुरी,माले के दीपकंर भट्टाचार्य,शिव सेना के उद्धव ठाकरे, सपा के अखिलेश यादव,जम्मू कश्मीर के दोनों पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती व उमर अब्दुल्ला आदि प्रमुख नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- विपक्षी दलों की अच्छी बैठक हुई और साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया।जल्द ही दूसरी बैठक होगी।यह बैठक 10 या 12 जुलाई को शिमला में होगी।सभी नेताओं ने साझा चुनाव लड़ने की जरूरत बताते हुए इस बैठक को सफल बताया।
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से आप नेताओं ने दूरी बनाई।अरविन्द केजरीवाल व भगवंत मान इसमें शामिल नहीं हुए। कांग्रेस के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस जबतक केन्द्र सरकार द्वारा लाए अध्यादेश का विरोध नहीं करती तबतक आप कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं करेगा।साफ तौर पर कहा गया कि कांग्रेस जिस गठबंधन में रहेगा उसका हिस्सा बनना मुश्किल है।जिस विपक्षी दलों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व है उनमें कांग्रेस छोड़ कर अन्य सभी 11 दलों ने काला अध्यादेश का विरोध किया है।

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