क्या दोनों लोजपा का एकीकरण होगा?

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संवाददाता.पटना.रामबिलास पासवान की राजनीतिक विरासत की लड़ाई ने हाजीपुर लोकसभा सीट को उलझा दिया है।चाचा-भतीजा की लड़ाई को विराम लगाने व दोनों को एकजुट करने की दिशा में लोजपा के अंदर प्रयास शुरू हो गए हैं।माना जा रहा है कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने एका के लिए दबाव बनाया है।राजनीतिक गलियारे में सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या दोनों लोजपा का एकीकरण होगा?
हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच राजनीतिक लड़ाई में अब सांसद वीणा देवी की एंट्री हो गई है। वीणा देवी ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आपसी लड़ाई को इगो ना बनाएं और दोनों एक साथ हो जाएं हम लोगों का यही विचार है।
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का दावा है कि मरने से पहले रामविलास पासवान ने उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने और क्षेत्र की जनता की सेवा करने की जिम्मेदारी दी थी। पशुपति पारस कई बार कह चुके हैं कि रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत पर उनका अधिकार है। वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान लगातार हाजीपुर संसदीय क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।और कह रहे हैं कि हमारे पिता ने हमेशा हाजीपुर को मां का दर्जा दिया है और पिता के ना रहने पर यह मेरा कर्तव्य है कि मैं हाजीपुर की जनता की सेवा करूं और पिता के अधूरे सपने को पूरा करूं।
चिराग ने साफ तौर पर कह दिया है कि हाजीपुर हमारे पिता का क्षेत्र है मैं हाजीपुर को नहीं छोड़ सकता हूं. इसे लेकर चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई है। वहीं चाचा पशुपति पारस ने चिराग को अपना भतीजा मानने से भी इनकार कर दिया और अब पशुपति पारस और चिराग पासवान दोनों ही हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का दावा कर रह हैं।
चाचा और भतीजे के बीच राजनीतिक विरासत की लड़ाई में लोजपा सांसद वीणा देवी ने एंट्री की है और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान को नसीहत दी है। सांसद वीणा देवी ने चाचा और भतीजे को एकजुट हो जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि परिवार में अक्सर लड़ाई- झगड़ा होता रहता है। यह पारिवारिक मामला है। इस मामले का हल चाचा-भतीजा मिलकर निकालेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग भी चाहते हैं कि एक साथ हो जाए।सांसद वीणा देवी ने कहा कि हमारी कोशिश भी यही रहेगी कि चाचा और भतीजा एक साथ हो जाए।
सांसद वीणा देवी ने कहा कि मैं लोक जनशक्ति पार्टी में पहले भी रही हूं और आगे भी रहूंगी। जहां एक तरफ चाचा पशुपति पारस चिराग पासवान को अपना भतीजा मानने से इनकार कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पारस की पार्टी की सांसद वीणा देवी का रुख चिराग पासवान के प्रति नरम है। वह दोनों को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटी हुई हैं।
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व पारस और चिराग दोनों को एनडीए फोल्ड में रखना चाहता है लेकिन शर्त यह है कि दोनो एक हो जाएं।भाजपा नेतृत्व के रूख को देखते हुए लोजपा के अंदर खासकर वर्तमान सांसदों के बीच यह प्रयास शुरू हो गए हैं कि चाचा-भतीजा की दूरी को मिटाया जाए।अगर यह संभव नहीं हुआ तो इसमें सभी वर्तमान सांसदों को अपना नुकसान नजर आ रहा है।

 

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