स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ का आरोप,प्रबंधकीय कैडर बनाने में गड़बड़ी

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health contract workers

संवाददाता.पटना.बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ ने बिहार सरकार से अनुरोध किया है कि सभी प्रबंधकीय कार्यो में शामिल कर्मियों का समायोजन करें ताकि सभी स्वास्थ्य कर्मी और तेज मनोगति से बिहार को स्वास्थ्य के ऊँचाई पर ले जा सकें।संघ ने आरोप लगाया है कि मिशन 60 दिन से से घबराए निजी अस्पताल/नर्सिंग होम के चिकित्सक, तैयार हों रहे प्रबंधकीय कैडर में रोड़ा बन रहे हैं।
बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ के सचिव ललन कुमार सिंह,अध्यक्ष अफरोज अनवर,महासचिव विकास शंकर,प्रवक्ता कौशलेंद्र शर्मा,और कोषाध्यक्ष राजीव ,अजय कुमार सिंह ने संयुक्त बयान में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के अनुसार देश भर में पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर का निर्माण करना है, जिसमें विभिन्न शिक्षा विद्या से संबंधित सुयोग्य कर्मियों का स्वास्थ्य विभाग में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है। इसके आधार पर भारत सरकार ने पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर का गाईडलाइन 2022, जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, भारत सरकार ने निर्गत किया है। इसके पूर्व बिहार सरकार ने पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट रोड मैप हेतु केशवेन्द्र कुमार , भारतीय प्रशासनिक सेवा की अध्यक्षता में तैयार किया गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के पत्रांक- 6048 दिनांक- 24/11/2020 के आलोक में वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत प्रबंधकीय सेवा में कार्य कर रहे लोगों को सम्मिलित करने की अवधारणा विकसित की गई है।परंतु कल के दैनिक समाचार पत्रों में यह समाचार आया है कि प्रबंधकीय कार्यों का जवाबदेही भी चिकित्सकों की दी जाएगी।
संघ का आरोप है कि जहाँ प्रदेश भर में चिकित्सकों की कमी का लगातार सरकार रोना- रो रही है, उस प्रदेश के चिकित्सकों के मूल कार्य से हटाकर प्रबंधकीय कार्यों में लगाने से यह प्रतीत हो रहा है कि अस्पतालों में चिकित्सीय सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जाए। जब सरकार चिकित्सकों को प्रबंधन के कार्यों में शामिल करती है, तो मूल रूप से अब उनका कार्य अस्पताल का प्रबंधन करना है, ना कि रोगियों का इलाज करना रहेगा।साथही सरकार का यह भी कहना चाह रही है कि चिकित्सक अपना निजी नर्सिंग होम चलाएं और अस्पताल प्रबंधन के नाम पर केवल सैलरी प्राप्त करे।
संघ के अनुसार मिशन 60 दिन में उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री के आहवान पर सभी जिला अस्पतालों के बदलते स्वरूप से घबराए निजी चिकित्सालय / नर्सिंग होम से जुड़े स्वास्थ्य माफियों द्वारा घबराहट में ही सरकार पर यह दबाव बनाया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत प्रबंधकों एवम कर्मियों को कमजोर करने के साथ-साथ उनकी मनोस्थिति को भी कमजोर किया जाए, ताकि हमारी निजी चिकित्सालय एवं अस्पताल आसानी से फल-फूल सकें।उनका दबाव का यह आलम हैं कि सरकार आज तक चिकित्सक पर कोई लग़ाम नही लगा सकी, यहां तक कि उपस्थिति भी नही बनवाई पाई।

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