पत्रकार हत्याकांड और लालू प्रसाद की चुप्पी का क्या है रहस्य ?

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निशिकांत सिंह.पटना.झारखंड में पत्रकार की हत्या पर तीखी प्रतिक्रिया देनेवाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बिहार,खासकर गृह-इलाके में पत्रकार की हुई हत्या पर मौन हैं.इस चुप्पी का रहस्य,हत्याकांड से संबंधित रहस्य से जुड़ा है.लालू प्रसाद की राजनीति के अहम हिस्सा रहे जेल में बंद बाहुबली व राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के पक्ष में खड़ा रहने की मजबूरी ने लालू प्रसाद के मुह पर ताला जड़ दिया है.

सीवान में मारे गए पत्रकार राजदेव शहाबुद्दीन के हिटलिस्ट में थे. स्पेशल ब्रांच ने 2007 में ही 24 लोगों की जान को खतरा होने का इनपुट दिया था. जिसकी जानकारी वहां के एसपी को भी थी. अपराधियों के हिटलिस्ट में राजदेव का भी नाम था. उस वक्त की जानकारी के मुताबिक तब सीवान जेल से ही 24 लोगों के नाम डेथ वारंट की लिस्ट जारी की गई थी . सच को सच कहने और जुनूनी रिपोर्टिंग करने के कारण भी राजदेव को कई बार जेल से धमकी मिल चुकी थी.

पत्रकार की मौत के 24 घंटे होने के बाद भी पुलिस के पास कोई पुख्ता और सटीक जानकारी नहीं है कि क्यों और किसने और क्यों पत्रकार की हत्या की. कयासों और अफवाहों से मामला की गंभीरता को समझा जा सकता है. सीवान में पिछले 24 सालों से पत्रकारिता कर रहें राजदेव दरअसल 9 सालों से अपराधियों के निशाने पर थे. यही कारण है कि एक बार 2005 में उनके दफ्तर पर भी हमला हुआ था. रात आठ बजे के करीब राजदेव को बुरी तरह पीटा था. लेकिन तब संयोगवश राजदेव को ज्यादा चोटें नहीं आयी थी. क्योंकि पास  के लोगों के जुट जानेके बाद हमलावर भाग गए थे. इसके बाद भी राजदेव ने सच को सच कहने वाली निर्भीक पत्रकारिता को जिंदा रखा.

पुलिस द्वारा इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनका इस मामले में अबतक साबित नहीं हो पाया है. इस बीच बताया जा रहा है कि सीवान के सुल्तान शहाबुद्दीन के आंखों की भी किरकिरी थे राजदेव. शहाबुद्दीन के खिलाफ लिखने पर उन्हें कई बार धमकी मिल चुकी थी. साथ ही साथ उनके साथ कई बार बदसलूकी भी की गई थी. राजदेव को कई बार शहाबुद्दीन के समर्थकों के द्वारा धमकी दी जाती थी. जेल से भी धमकी मिलती रहती थी. पिछले कुछ दिनों से राजदेव उस मामले पर लिख रहें थे. ऐसे में शक कि सुई जेल की तरफ भी जा रहा है. प्रोफेशनल शुटर्स के द्वारा ही घटना का अंजाम दिया गया है. हत्यारों ने राजदेव को ऐसी जगह गोली मारी जहां गोली का जख्म होने के बाद आदमी के बचने की संभावना लगभग न के बराबर होती है. शूटर्स ने राजदेव को काफी करीब से मात्र दो गोली मारी जिससे वो अचेत हो गए. इस कारण ऐसा माना जा रहा है कि शार्प शूटर्स ही इस तरह के वारदात को अंजाम दिया है. चुंकि शक की सुई जेल में बंद बाहुबली पर भी है इसलिए लालू प्रसाद की चुप्पी स्वाभाविक है.

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