शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर 51 शिक्षकों को किया गया सम्मानित

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Teacher's Day

जितेन्द्र कुमार सिन्हा.पटना.शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर मानवाधिकार रक्षक संस्थान ने पटना के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएएम) हॉल में “बिहार में उच्च शिक्षा के बदलते प्रतिमान-सह- शिक्षक सम्मान समारोह” आयोजित कर 51 शिक्षकों को राज्यस्तरीय “शिक्षक सम्मान समारोह” से सम्मानित किया। उक्त जानकारी मानवाधिकार रक्षक संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में बिहार सरकार में कार्यरत भारतीय पुलिस सेवा के विशेष सचिव  विकास वैभव, यूजीसी से बेस्ट टीचर से सम्मानित और अदम्य अदिति गुरुकुल कोचिंग संस्थान के संस्थापक प्रसिद्ध शिक्षक मोतिउर रहमान खान (गुरु रहमान), प्रसिद्ध समाजसेवी एवं आशीर्वाद सेवा समिति ट्रस्ट पटना के अध्यक्ष प्रिंस कुमार, डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस फिरोज आलम एवं भगवान प्रसाद गुप्ता, डिप्टी एस पी राजेश बर्नवाल, सदस्य महिला आयोग एवं पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान प्रोफेसर डॉक्टर उषा विद्यार्थी, मानव अधिकार रक्षक संस्था की संस्थापिका सह समाज सेविका रीता सिन्हा एवं मानव अधिकार रक्षक संस्था की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह समाज सेविका रितु कुमारी ने  दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुरुआत किया।
आगंतुकों को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मानित करने वालों में अन्य लोगों के अतरिक्त मानव अधिकार रक्षक संस्था के प्रदेश अध्यक्ष (मीडिया) जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस भगवान प्रसाद गुप्ता को अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
श्री अरविंद ने बताया कि मुख्य अतिथि के रूप में विशेष सचिव विकास वैभव, प्रसिद्ध शिक्षक मोतिउर रहमान खान (गुरु रहमान), प्रसिद्ध समाजसेवी प्रिंस कुमार, डीएसपी फिरोज आलम, भगवान प्रसाद गुप्ता एवं राजेश बर्नवाल, सदस्य महिला आयोग डॉक्टर उषा विद्यार्थी ने “बिहार में उच्च शिक्षा के बदलते प्रतिमान” विषय पर अपने-अपने विचार रखे और संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना किया।
उन्होंने बताया कि “बिहार में उच्च शिक्षा के बदलते प्रतिमान -सह- शिक्षक सम्मान समारोह” में कुल 51 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।  शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए संस्था ने दो तरह की श्रेणी बनाये थे जिसमें  एक श्रेणी में शिक्षकों को संस्था की ओर से अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं दूसरी श्रेणी के शिक्षकों को अंगवस्त्र और प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) देकर सम्मानित किया गया।

 

 

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