76वें स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री की घोषणा-20 लाख नौकरी व रोजगार देंगे

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20 lakh jobs

संवाददाता.पटना. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में झण्डोत्तोलन के बाद प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सात निश्चय-2 के तहत युवाओं को नौकरी एवं रोजगार सृजन का पूरा प्रयास किया जायेगा। सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों पर तेजी से बहाली की जा रही है। हमलोगों का कॉन्सेप्ट है कि कम से कम 10 लाख कर दें। नौकरी के अलावा हर तरह से उनके रोजगार के लिये काम करेंगे। नौकरी और रोजगार दोनों का इंतजाम करायेंगे। सरकारी और सरकार के बाहर भी हर तरह से इस पर काम करायेंगे। हमलोगों का मन है कि इसको 20 लाख तक पहुँचायें। इसके लिये पूरी तौर पर हर जगह काम करेंगे।
   मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के पश्चात् 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झण्डोत्तोलन किया। इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई देता हूँ। आज का दिन हम सभी भारतवासियों के लिए गौरव का दिन है। राष्ट्रभक्तों के साहस, त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आज के दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी उनके उच्च आदर्श आज भी हम सबों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।इतिहास इस बात का गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी। बिहार के लोगों ने हमेशा राष्ट्रनिर्माण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है और देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मानसून की बेरूखी के कारण सूखे की स्थिति हुई है। 1 जून से 14 अगस्त तक औसत वर्षापात में 39 प्रतिशत की कमी हुई है जिससे धान रोपणी 80 प्रतिशत ही हो पायी है। सूखे की स्थिति से निपटने के लिए किसानों को बिचड़ा एवं फसलों की सिंचाई हेतु डीजल अनुदान 60 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 75 रुपये प्रति लीटर दिया जा रहा है।जो किसान धान की रोपणी नहीं कर पायेंगे उनके लिए आकस्मिक फसल योजना के तहत कम अवधि की फसलें जैसे मक्का, कुल्थी, उड़द, तोरिया, मटर, भिंडी आदि के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी की जा चुकी है ताकि किसानों को राहत मिल सके।
   उन्होंने कहा कि पूरा विश्व कोरोना महामारी से प्रभावित रहा है। अभी भी कोरोना के 798 एक्टिव मामले हैं। कोरोना की जाँच एवं इलाज की ठोस व्यवस्था की गयी है। प्रारंभ से ही कोरोना जाँच पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। अभी भी प्रतिदिन लगभग 1 लाख जाँच की जा रही है। हर जिले में आर०टी०पी०सी०आर० जाँच की व्यवस्था कर दी गयी है। 14 अगस्त तक बिहार में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 7 लाख 39 हजार से अधिक जांच हुई है, जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 6 लाख 38 हजार है। मार्च, 2021 से ही कोविड-19 टीकाकरण का कार्य तेजी से जारी है। मृतक के आश्रितों को शुरू लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार के निर्णय के उपरान्त 50 हजार की अतिरिक्त मदद भी दी जा रही है। अब तक कुल 12 हजार 996 मृतकों के आश्रितों का 584.82 करोड़ रूपये का भुगतान हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कानून का राज स्थापित है। इसके लिए पुलिस कर्मियों एवं पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है ताकि ठीक ढंग से कार्रवाई हो सके। पुलिस बल की संख्या में बढ़ोतरी की गयी है। पुलिस के लिए वाहन एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। हाल ही में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए डायल 112 की इमरजेंसी सेवा प्रारंभ की गयी है।वर्ष 2016 से बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना शुरू की गयी है क्योंकि मंदिरों में यदा-कदा मूर्ति चोरी आदि की घटनाएं हो जाती है। इसके अंतर्गत 60 वर्ष से पुराने धार्मिक न्यास पर्षद् में निबंधित मंदिरों की घेराबंदी की जा रही है, इसमें अब तक 295 मंदिरों की चहारदीवारी की जा चुकी है। आगे चलकर आवश्यकतानुसार 60 वर्ष से कम पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के काम को आगे बढ़ाया जायेगा। सात निश्चय-2 के तहत सभी शहरों एवं महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह सहित मोक्षधाम निर्माण का निर्णय लिया गया है इसमें परम्परागत शवदाह गृहों को ठीक कराकर लोगों को दाह संस्कार एवं बैठने आदि की सुविधायें उपलब्ध कराते हुए मोक्षधाम के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही यहाँ पर विद्युत शवदाह गृह की भी व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार कानून लागू हैं। इसके तहत नागरिकों को विभिन्न लोक सेवाएँ एक नियत समय सीमा के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही हैं। 15 अगस्त, 2011 से लागू इस अधिनियम के तहत अब तक 31 करोड़ 65 लाख से अधिक सेवाएँ प्रदान की जा चुकी हैं। राज्य में सड़कों तथा पुल-पुलियों का जाल बिछाकर, राज्य के सुदूर क्षेत्रों से 6 घंटे में राजधानी पटना पहुँचने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। अब इस लक्ष्य को 5 घंटे किया गया है और इस पर आवश्यकतानुसार तेजी से कार्य जारी है। पटना में सुगम यातायात के लिए फ्लाई ओवर एवं ऐलिवेटेड रोड का जाल बिछाया गया है। अन्य जिलों में भी आर०ओ०बी० एवं फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पटना में दीघा से दीदारगंज तक जे०पी० गंगा पथ का निर्माण किया जा रहा है। आगे जे०पी० गंगा पथ को पश्चिम में दानापुर से आगे शेरपुर तक ले जाने की योजना है, जहाँ पर गंगा नदी पर निर्मित होने वाले शेरपुर-दीघवारा 8-लेन पुल से भी सम्पर्कता हो जायेगी। पूरब में गंगा पथ को गंगा नदी पर बन रहे कच्ची दरगाह-बिदुपुर 8-लेन पुल से भी जोड़ा जायेगा। भविष्य में गंगा पथ को पूरब की ओर बख्तियारपुर ताजपुर पुल तथा पश्चिम की ओर आरा-छपरा पुल से भी मिला दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1917 में हुए चम्पारण सत्याग्रह एवं बापू के बिहार आने की स्मृति में मोतिहारी तथा बेतिया में 2000 क्षमता के चम्पारण सभागार का निर्माण पूरा हो चुका है तथा मुजफ्फरपुर में सभागार का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है उनमें वैशाली में बुद्ध सम्यक् दर्शन संग्रहालय एवं बुद्ध स्मृति स्तूप शामिल हैं। इसमें भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष रखे जायेंगे। ये अस्थि अवशेष वैशाली के पास मड स्तूप से खुदाई कर निकाले गये थे, जो वर्तमान में पटना म्यूजियम में सुरक्षित रखे गये हैं। बच्चों को साईंस के बारे में नई-नई जानकारी देने के लिए पटना में आधुनिक साईंस सिटी का निर्माण कराया जा रहा है, इसका नामकरण ए०पी०जे० अब्दुल कलाम साइंस सिटी किया गया है। चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की स्मृति में पटना में बापू टावर का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवन एवं विचारों को प्रदर्शित किया जायेगा ताकि आनेवाली पीढ़ी बापू के विचारों को पूरी तौर पर जानते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरूआत की। वर्ष 2007 से प्राथमिक शिक्षक नियोजन में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। वर्ष 2013 में पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। अब बिहार पुलिस में महिलाओं की कुल संख्या 25 हजार 102 है। इस प्रकार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी पूरे देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2016 से महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। इससे महिलाओं में जागृति आ रही है और ये स्वावलंबी बन रही हैं। उन्होंने कहा कि शुरू से ही वंचित वर्गों के लोगों के लिए काम किया तथा इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विशेष योजनाएं चलाई गयी। अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना चलायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने तथा कमजोर वर्गों के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु यह योजना लागू की गयी है। इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत के लिए 7 योग्य वाहनों की खरीद के लिए अधिकतम 1 लाख रूपये प्रति वाहन पर अनुदान दिया जा रहा है। इन 7 वाहनों में 4 वाहन अनुसूचित जाति / जनजाति तथा 3 वाहन अति पिछड़ा वर्ग के लाभुकों के लिए होते हैं। अब तक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 22 हजार 887 एवं अति पिछड़ा वर्ग के 16 हजार 547 युवाओं ने इस योजना का लाभ लिया है। सुन्नी एवं सिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर बहुद्देशीय भवन, मुसाफिरखाना, विवाह भवन, व्यवसायिक भवन, दुकान, मार्केट कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। पटना में सुन्नी वक्फ बोर्ड की जमीन पर पुराने अंजुमन इस्लामिया डॉल को नये सिरे से भव्य ईमारत के रूप में बनाया गया है। इसी प्रकार पटना सिटी में सिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर भवन बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार अभियान के तहत शराबबंदी, दहेज प्रथा एवं बाल-विवाह उन्मूलन अभियान चल रहा है। इसके लिए एक कागज बनाया जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की वर्ष 2018 की रिपोर्ट के अनुसार शराब के दुष्परिणामों, शराबबंदी पर बापू के विचारों, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस कागज को हर घर तक पहुँचाया जा रहा है ताकि लोग इसके दुष्परिणामों से पूरी तरह अवगत हो सकें एवं इसका पालन करें। उन्होंने कहा कि सात निश्चय-1 के काम पूरे किये गये। पिछले कार्यकाल में बिहार के विकास के लिए सात निश्चय के तहत कार्यक्रम लागू किये गये। हर घर तक बिजली पहुँचा दी गई है। हर घर तक नल का जल, हर घर तक पक्की गली और नाली का काम भी काफी हद तक पूरा हो चुका है। शौचालय निर्माण का कार्य भी पूरा ही हो गया है। टोलों को ग्रामीण सड़कों से जोड़ने का काम भी ज्यादातर पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है, इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी है। जल संसाधन, लघु जल संसाधन, ग्रामीण विकास, कृषि, ऊर्जा एवं पंचायती राज विभागों द्वारा सर्वेक्षण कर योजनायें बनायी गयी है और कई स्थानों पर क्रियान्वयन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “जल-जीवन-हरियाली” अभियान के सभी 11 अवयवों पर काम चल रहा है। हमें जल की रक्षा एवं हरियाली की रक्षा करनी होगी तभी जीवन की रक्षा हो सकेगी चाहे वो मनुष्य हो, पशु-पक्षी हो या जीव-जन्तु जल संरक्षण के लिए पूरी तौर पर काम चल रहा है। राज्य में पौधारोपण एवं हरित आवरण बढ़ाने पर हमारा शुरू से जोर है। इसके लिए वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर 24 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध वर्ष 2018-19 तक 22 करोड़ पौधे लगाये गये। अब जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में 7 करोड़ 35 लाख से अधिक पौधारोपण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना करा रही है। राज्य स्तर पर इसकी जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिला स्तर पर जिला पदाधिकारियों को दी गयी है। जाति आधारित गणना के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जायेगा तथा इसके आधार पर सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए काम किया जायेगा। तभी सही मायने में “न्याय के साथ विकास” का सपना साकार हो सकेगा।
इस अवसर पर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, पर्यटन निदेशालय, महिला एवं बाल विकास निगम, कृषि विभाग, बिहार अग्निशमन सेवा, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद्, जीविका तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा झांकियां निकाली गयीं। इसमें बिहार कृषि विभाग को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, बिहार अग्निशमन सेवा की झांकी को द्वितीय स्थान, जबकि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् की को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।

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