संवाददाता.पटना.इंडियन ऑर्थोडॉन्टिक सोसाइटी के तत्वावधान में पटना के बुद्धा इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंस में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय टाइपोडॉन्ट कार्यशाला सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया. कार्यशाला के अंतिम दिन की शुरुआत आज सेल्फ लिगेटिंग लिंगुअल ब्रैकेट्स पर डॉ. धर्मदीप के व्याख्यान के साथ हुई. इसमें उन्होंने कहा कि भाषाई लिंगुअल सही मायने में एक अदृश्य तकनीक है.
इसके बाद के सत्र में डॉ. प्रशांत ने कार्यशाला में शामिल हो रहे लोगों को बेग्स तकनीक के बारे में बताया गया. इसके बाद छात्रों के लिए वायर बेंडिंग कौशल सीखने के लिए व्यावहारिक सत्र का भी आयोजन किया गया और इसके बाद एक क्विज सत्र का भी आयोजन हुआ. बाद में दोपहर के सत्र में डॉ. दिगंत ठक्कर ने ऑर्थोडोंटिक्स की विशेषता के बारे में बताया. जो क्लियर एलाइनर्स और 3डी प्रिंटिंग है. यह वास्तव में उत्साहजनक सत्र था.
कार्यशाला में आयोजन अध्यक्ष डॉ.अमेश गोलवाड़ा ने कहा कि आज के पहले सत्र में सेल्फ लिगेटिंग लिंगुअल ब्रैकेट की नई तकनीक के बारे में बताया गया. अगले सत्र में छात्रों ने सीखा कि कैसे परिष्कृत तकनीकों का उपयोग करना और उन्हें बेग्स विधियों में लागू करना है जो एक पुरानी विधि है. दिन का अंतिम सत्र एलाइनर्स के बारे में सीखना था जो ऑर्थोडोंटिक्स के हालिया जोड़े में से एक है. उन्होंने कहा कि आम लोगों को ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियों की बिक्री के प्रभाव में नहीं आना चाहिए, इसे स्वयं संरेखित करें क्योंकि यह दांतों के लिए गलत है क्योंकि ऑर्थोडॉन्टिस्ट ऐसे उपकरणों को बनाने में शामिल नहीं हैं.
अंत में विदाई समारोह के साथ कार्यशाला का समापन हुआ. आयोजन अध्यक्ष डॉ.अमेश कुमार गोलवाड़ा इस दौरान आज के वक्ताओं और एल्युमिनी सदस्यों को सराहना का प्रतीक दिया. साथ ही उन्होंने इस तरह की कार्यशाला भविष्य में और करने के भी उद्देश्य जाहिर किया. उन्होंने आयोजन सचिव डॉ. नील बी.केडिया सहित ऑर्थोडॉन्टिक्स विभाग के अन्य संकाय सदस्यों डॉ.के.एच.सुधीर, डॉ.एस.झा,डॉ.राशी चौहान,डॉ.अंजल कौल, डॉ ऋचा श्री, डॉ पल्लवी और डॉ मेजर अमित सहित उनकी टीम को बधाई दी और धन्यवाद दिया. उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी पूर्व छात्रों, छात्रों, कार्यक्रम प्रायोजकों और मीडिया कर्मियों को भी धन्यवाद दिया.