संवाददाता.पटना. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने राज्य सरकार के नियंत्रण वाली बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद द्वारा निजी मन्दिरों और पूजा स्थलों पर टैक्स लगाये जाने के निर्णय का तीखे शब्दों में निन्दा करते हुए इसे राज्य सरकार द्वारा लगाया गया जजिया टैक्स करार दिया है।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा गठित बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने निजि मन्दिरों और पूजा स्थलों से चार प्रतिशत टैक्स वसूलने का निर्णय लिया है। राजद प्रवक्ता ने न्यास के इस निर्णय को संविधान बिरोधी बताते हुए कहा है कि अपरोक्ष रूप से यह आस्था का सरकारीकरण हीं है। पर्षद के इस निर्णय के अनुसार निजी जमीन, आवासीय परिसर अथवा आवास के अन्दर कोई यदि मन्दिर अथवा पूजा-स्थल बनवाये हुए है और उसमें कोई अन्य व्यक्ति भी आकर पूजा करता है तो उसे पंजीयन कराना होगा और चार प्रतिशत टैक्स धार्मिक न्यास परिषद को देना होगा।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो अपनी आस्था के अनुसार अपने निजी जमीन, आवासीय परिसर, घर के अन्दर अथवा घर के छतों पर मन्दिर या पूजा-स्थल बनवाये हुए हैं जिसमें आस-पड़ोस के लोग भी यदि पूजा-पाठ करना चाहते हैं तो धार्मिक भावनाओं के कारण उन्हें नहीं रोका जाता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय भी अपने कई फैसलों मे भी स्पष्ट कर चुका है कि किसी के निजी जमीन पर बने हुए मन्दिर अथवा पूजा-स्थलों पर धार्मिक न्यास पर्षद का कोई हस्तक्षेप नही होगा।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार का स्तर आज ऐसी हो गई है कि वह अपने खजाने को भरने के लिए अब लोगों के आस्था का भी सरकारीकरण करने लगी है। और आश्चर्य की बात यह है कि सरकार मे वैसे दल भी शामिल हैं जो आस्था की भावनाओं का मार्केटिंग कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकती रही है