जितेन्द्र कुमार सिन्हा.पटना.राजस्थान के जोधपुर के गांधी शांति प्रतिष्ठान में शंखनाद यात्रा के अन्तर्गत सम्मेलन का आयोजन किया गया। जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने इस मौके पर कहा कि कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है, लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है।
नयी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आगामी 19 दिसंबर को राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर विश्व कायस्थ महासम्मेलन ‘उम्मीदों का कारवां’ का आयोजन किया जा रहा है।उक्त अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है। कायस्थ जाति के लोग हमेशा से समाज का नेतृत्व करते रहें हैं। स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न‘ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसे कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से इस देश को नई दिशा प्रदान की है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिए पर जा रहा है। इसे देखते हुए हमें जागने की जरूरत है।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा, जीकेसी संगठन का विस्तार दुनिया भर में है और इसके विस्तार के लिए कार्यक्रम के माध्यम से समाज को एकत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए। उन्होंने सभी को नई दिल्ली में विश्व कायस्थ महासम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
जीकेसी राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने विभिन्न कायस्थ संगठनों से अपील की कि सभी अपनी अपनी व्यवस्था के अनुसार संगठन चलाएं लेकिन जब कायस्थों को एकजुट होने की आवश्यकता हो तब सभी संगठन एक छतरी के नीचे एकत्र होवे एवं एक संयुक्त परिवार की तरह अपना काम करें। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज तो 12 भाइयों का एक परिवार है।उन्होंने जीकेसी के आगामी कार्यक्रम और उद्देश्यों के साथ 19 दिसंबर को विश्व कायस्थ महासम्मेलन में सभी कायस्थ संगठनों को दिल्ली,तालकटोरा में आमंत्रित किया।
उक्त अवसर पर राजेश श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, मिलन श्रीवास्तव, मुक्ता माथुर, डॉ मंजू सक्सेना, डॉ राकेश सिन्हा, ऋषि श्रीवास्तव, आलोक सक्सेना, दीपेश भटनागर, अविरल सक्सेना, अनुपम श्रीवास्तव, डॉ पीयूष सक्सेना, रतनलाल श्रीवास्तव, धीरेन्द्र श्रीवास्तव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।