कैंसर के शुरुआती लक्षण की पहचान के लिए राज्य में 1251 कैंप

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संवाददाता.पटना. कैंसर की रोकथाम व जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जन-जागरूकता से लेकर शुरुआती लक्षण की जानकारी हासिल करने के लिए प्रोग्राम संचालित हो रहा है। राज्य में 1251 कैंप आयोजित कर कैंसर के शुरुआती लक्षण को पकड़ने की कोशिश की गई। साथ ही राज्य में कैंसर के मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा भी दी जा रही है।
इसकी जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत राज्य में एनपीसीडीसीएस प्रोग्राम के तहत कैंसर अवेयरनेस एंड स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है। यह प्रोग्राम राज्य के क्रमशः 16 जिलों सीवान, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, वैशाली, सुपौल, दरभंगा, समस्तीपुर, बक्सर, भोजपुर, पटना, नालंदा, बेगूसराय, भागलपुर, जहानाबाद, औरंगाबाद और गया में संचालित है।
    श्री पांडेय ने कहा कि अप्रैल 2021 से लेकर अब तक राज्य में 1251 कैंप आयोजित कर कैंसर के शुरुआती लक्षण को पकड़ने की कोशिश की गई। इसके अलावे कैंसर की रोकथाम के लिए अवेयरनेस टॉक के 109 कार्यक्रम आयोजित किये गये। वहीं ग्रामीण इलाकों के पंचायत में मुखिया, एमओआईसी, एएनएम, आशा, एनजीओ, सरकारी कर्मचारियों के अलावे अन्य लोगों के साथ मीटिंग की गई, जिसकी संख्या 243 हैं। मौखिक दृश्य परीक्षण (ओरल विजुअल एक्जामिनेशन) एक लाख सात हजार 872 लोगों का किया गया। कैंसर के संभावित शुरुआती लक्षण वाले दो हजार 783 मरीज मिले। ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या 314 रही। सर्वाइकल कैंसर के संभावित लक्षण वाले 79 मरीज पाये गये। इस साल अब तक योजना शुरू होने के बाद से 18 मरीजों की सर्जरी की गई और 98 कैंसर के कन्फर्म मरीज मिले।
श्री पांडेय ने कहा कि राज्य में इस जागरुकता कार्यक्रम के तहत जिन मरीजों की पहचान की जाती है, उनका मुफ्त इलाज सरकारी खर्च कर किया जाता है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के सौजन्य से मुजफ्फरपुर में होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इलाज होता है। जांच की व्यवस्था सभी जिले में की गई है। कैंसर जागरूकता के लिए सभी जिलों में एनसीडी क्लिनिक जिला हास्पिटल में संचालित है। जहां इस योजना को फलीभूत करने के लिए डॉक्टर, स्टाफ नर्स, पेसेंट नैविगेटर व डाटा इंट्री स्फाफ नियुक्त हैं। सभी जिलों में तेजी से जागरूकता लाने के लिए पोस्टर पब्लिसटी से लेकर कई कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक जानकारी पहुंचायी जा रही है कि सरकार इस बीमारी के प्रति संवेदनशील है।

 

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