एसपी के ड्राइवर आत्महत्या कांड की उच्च स्तरीय जांच हो –माले

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driver suicide case

संवाददाता.अरवल.एसपी के ड्राइवर जो पुलिस कॉन्स्टेबल है, वह एसपी के अधीन काम करने के ही उत्तरदाई थे.  सरकारी काम के अलावे पटना स्थित घर पर, परिवार के लिए गुलामी करवाना यह सामंती समाज का अवशेष का ही देन है. इसलिए इस पर उच्चस्तरीय जांच होनी ही चाहिए.उपरोक्त बातें भाकपा माले के जिला सचिव जितेंद्र यादव ने प्रेस बयान जारी कर कही.
उन्होंने कहा कि एसपी के घर पटना में किस हिसाब से ड्यूटी लगी हुई थी. इसकी जांच होनी ही चाहिए. एस पी के परिवार के लोग घर पर रहते हैं.उनके परिवार के देखरेख करने के लिए सरकारी कर्मचारी को रखने का यदि प्रावधान है, तब तो कोई बात नहीं है.यदि ऐसा नहीं है तो इसको गहराई से जांच कराते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए.कोई आत्महत्या करने के लिए सोंचता है तो वह गहरा डिप्रेशन में जाने के बाद ही.  कहीं न कहीं से परेशानी होगी.  दबाव होगा.उनके पद के अनुसार काम नहीं मिल रहे होंगे.  यह सब प्रमुख रूप से सवाल बनते है, जिन्हें जांच की जानी चाहिए.
माले नेता ने कहा कि छोटे कर्मचारियों के लिए बड़े साहबों की चाकरी करने का जो सामंती युग से परंपरा चली आ रही है, उसे छोड़ा ही जाना चाहिए. घर पर नौकर रखने की शौक वालों को अलग से रखना चाहिए और उसे उचित मजदूरी दिया जाना चाहिए. लेकिन अपने पद का दुरुपयोग करने वाले पदाधिकारियों पर सरकार की नजर रहनी चाहिए.उन्होंने बिहार सरकार से और खासकर डीजीपी से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.उन्होंने मृतक के आश्रित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और एक परिवार की नौंकरी की मांग की है.

 

 

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