संवाददाता.पटना. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि एनडीए के 16 वर्षों के शासनकाल में कुशेश्वर स्थान की घोर उपेक्षा की गई है। जबकि परिसीमन के बाद बने कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र से लगातार एनडीए के विधायक ही चुनाव जीतते रहे हैं। पिछले चुनावों में कुशेश्वर स्थान के मतदाताओं से एनडीए नेताओं द्वारा जो भी वादे किए गए, किसी को पुरा नहीं किया गया । उन्हें ठगा गया।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ है । कोशी , कमला और कमला बलान तीन नदियों से घीरे रहने के कारण क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा छः से आठ महीने तक पानी से घिरा रहता है। इस त्रासदी से स्थाई मुक्ति के लिए केवल वादे किए गए, कोई काम नहीं किया गया । आज भी काफी लोग बाँध या मचान बनाकर रह रहे हैं या अन्यत्र पलायन कर चुके हैं। इस वर्ष भी राहत के नाम पर मात्र खानापुरी की गई।
स्थानीय लोगों की माँग पर कुशेश्वर स्थान को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा बराबर होती रही पर उस दिशा में कुछ हुआ नहीं और आज स्थिति यह हो गई है कि बाबा कुशेश्वर नाथ का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन कमती जा रही है । जबकि पहले बड़ी संख्या में नेपाल सहित दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आया करते थे । जिससे क्षेत्र के हजारों परिवार का रोजी-रोटी चलता था । आज 60 से 70 प्रतिशत लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं । इतना महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल होने के बावजूद यहाँ आने के लिए न तो अच्छी सड़के हैं और न यहाँ यात्रियों को ठहरने की व्यवस्था। पहले से बने कई धर्मशालाएं हैं जो अब जीर्ण-शीर्ण हो गये हैं और ठहरने लायक नहीं रह गए हैं। पूर्व से स्वीकृत महत्त्वाकांक्षी योजना कुशेश्वर स्थान-फूलतेरा सड़क और खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना का काम पैसा के अभाव में रूका हुआ है ।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि क्षेत्र के हजारों परिवार का जीवन यापन बाबा कुशेश्वर नाथ का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं पर निर्भर था। कोरोना की वजह से जब मन्दिर का पट बंद कर दिया गया तो वे बेरोजगार हो गए। खाने के लाले पड़ गए तो उन्हें अपने जीवन यापन के लिए कर्ज पर निर्भर रहना पड़ा पर सरकारी स्तर पर उन्हें कोई अनुदान अथवा राहत नहीं दी गई। ऐसी स्थिति में कुशेश्वर स्थान के मतदाताओं से एनडीए के नेता कौन सा मुँह लेकर वोट माँगने जायेंगे ।