नीति आयोग की बैठक में एक-एक बात फिर से उनके सामने रखेंगे- मुख्यमंत्री

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NITI Aayog

संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार अपना जवाब भेज देगी कि यह उपयुक्त नहीं है। बिहार में हुए कार्यों पर गौर किये बिना रिपोर्ट जारी कर देना ठीक नहीं है। हमे पता नहीं है कि नीति आयोग किस प्रकार और किसके माध्यम से अपना काम कराती है। नीति आयोग की अगली बैठक में अगर हमें जाने का मौका मिला तो एक-एक बात हम फिर से उनके सामने रखेंगे।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री ’ कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार में जो भी काम हो रहा है उसकी रिपोर्ट नीति आयोग को हमेशा भेजी जाती रही है। बिहार आबादी के दृष्टिकोण से देश में यूपी और महाराष्ट्र के बाद तीसरे नंबर पर है, जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से बिहार 12वें नंबर पर है। बिहार में प्रति वर्ग किलोमीटर आबादी देश में सबसे ज्यादा है, बिहार की इन परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र मे पहले बिहार की क्या स्थिति थी, ये सभी को पता है। बिहार को लेकर एक रिपोर्ट भी पहले हमने पढ़ी थी कि बिहार के गरीब परिवारों को भोजन से ज्यादा इलाज पर खर्च करना पड़ता है। पहले बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। पहले बिहार के सरकारी अस्पतालों में काफी कम लोग इलाज कराने जाते थे। पहले पीएचसी में एक महीने में औसतन 39 लोगों का इलाज होता था।हमने पीएचसी और अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ-साथ दवा की मुफ्त व्यवस्था उपलब्ध करायी। अब पीएचसी में एक महीने में औसतन 10 हजार मरीजों का इलाज होता है। नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लोग अब घर बैठे अपना इलाज करा सकते हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार आज कहां से कहां पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आयोग की बैठकों में बहुत सारी बातों को पहले ही कह चुके हैं। नीति आयोग पूरे देश के बारे में एक ही तरह की बातें कह देता है। नीति आयोग सारे देश को अगर एक ही प्रकार का मान कर चल रहा है तो यह विचित्र बात है। आज के दिन महाराष्ट्र से बिहार की तुलना नहीं की जा सकती है। सबसे धनी राज्य की तुलना सबसे गरीब राज्य से नहीं हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक झड़प में किसानों की मौत के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना की जानकारी मुझे मिली है। वहां जो भी घटना हुई है उस पर उत्तर प्रदेश प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए। बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में मैंने पहले भी कई बार अपनी राय रखी है। हमलोगों की राय है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। इस पर केंद्र सरकार विचार कर निर्णय ले। हमलोग सभी पार्टियों के साथ बैठक करके इस संबंध में आगे का निर्णय लेंगे। हमलोग आपस में बैठकर चर्चा करेंगे और सर्वसम्मति से कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि नियम और कानून पर गौर करते हुए, कैसे बेहतर ढंग से इसको किया जा सकता है इसको लेकर सबसे परामर्श करके निर्णय लेंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार के सभी दलों के बीच सर्वसम्मति जरुर बनेगी। इसको लेकर पूरे बिहार में एक राय जरुर बनेगी।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 सितम्बर को आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन था, उस दिन हमलोगों ने 33 लाख टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया। बापू के जन्मदिन पर हमलोगों ने कहा था कि हमलोग 35 लाख से ऊपर टीकाकरण करेंगे। 2 अक्टूबर को पूरे राज्य में भारी बारिश के बावजूद 30 लाख से ज्यादा टीकाकरण हुआ। हमारे यहां स्वास्थ्य विभाग काफी मेहनत कर रहा है।बिहार के बारे में लोगों को पता है कि कितना ज्यादा ग्रोथ हुआ है। यहां काम इतना तेजी से शुरू हुआ कि पूरे राज्य की आर्थिक स्थिति में बेहतरी आने लगी। देश के पिछड़े एवं विकसित राज्यों को अगर एक श्रेणी में रखकर आंकलन होगा तो पिछड़े राज्यों पर विशेष ध्यान देना होगा।
कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा मिलने में परेशानी होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिये। अगर आपलोगों को इस संबंध में कोई जानकारी मिलती है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचना दीजिए। पूरे तौर पर हमलोगों की नजर है। कोरोना के कारण अगर किसी की मृत्यु हुई है तो 4 लाख रुपये हमलोग शुरू से दे रहे हैं। अब केन्द्र सरकार का फैसला हुआ है कि वो भी 50 हजार रूपये देंगे। उन्होंने कहा कि 4 लाख रुपये जो हमलोग शुरू से दे रहे हैं, वो तो हमलोग देते रहेंगे और केन्द्र का भी 50 हजार रुपये आ गया तो वो अतिरिक्त में देंगे। कोई भी वंचित नहीं रहे इसके लिये हमलोग शुरु से प्रयासरत हैं।

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