संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन थानों के पास भवन निर्माण लिये अपनी जमीन है उनके लिये जमीन उपलब्ध करायी जाय। जिन थानों के लिये जमीन उपलब्ध हो गयी है वहां निर्माण कार्य तेजी से करें, इस काम में देर न करें। जिन जिलों में थाना भवन के लिये जमीन नहीं मिल रही है वहां के जिलाधिकारी और एस०पी० जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करें। जिन थानों को जमीन नहीं मिली है इसके लिये मीटिंग करिये और बाधाओं को दूर करने की कोशिश करिये।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा 237.881 करोड़ की लागत से 38 थाना भवन, सुपौल पुलिस लाईन, केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, बिहटा सहित कुल •94 नवनिर्मित पुलिस भवनों का उद्घाटन एवं 149.96 करोड़ की लागत से बनने वाले 57 पुलिस भवनों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 94 पुलिस भवनों का उद्घाटन किया गया है और इसके साथ-साथ 57 पुलिस भवनों का शिलान्यास भी किया गया है। वर्ष 2005 से जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला उसके पश्चात् हमने सभी चीजों का अध्ययन किया तो पता चला कि पुलिस बल की काफी कमी है, उनके पास वाहन, हथियार के साथ-साथ उनके रहने सहने की भी समस्या है, पुलिस भवनों का भी अभाव है। इन सभी चीजों पर काम किया गया। पुलिस बल की संख्या बढ़ायी गई, उनके लिये वाहन और आधुनिक हथियार उपलब्ध कराये गये। उन्होंने कहा कि पुलिस भवन निर्माण निगम का गठन 1974 में हुआ था। इसको वर्ष 2007 में हमने रिवाइव किया। इसके बाद से ही थाना और पुलिस विभाग के कई भवनों का निर्माण पुलिस भवन निर्माण निगम से कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस थानों को दो विंग में बांटा गया है एक विंग लॉ एण्ड ऑर्डर देख रहा है और दूसरा अनुसंधान के कार्य में लगा है। कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति बनाये रखने के साथ-साथ अनुसंधान कार्य भी तेजी से करें। पहले पुलिस बल में महिलाओं की संख्या कितनी थी ? हमलोगों ने तय कर पुलिस बल में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। आज जितनी संख्या में महिलायें बिहार पुलिस बल में हैं उतनी संख्या में पूरे देश में महिलायें पुलिस बल में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिये थानों में अलग से व्यवस्था की जा रही है। उनके लिये रहने के साथ-साथ सभी जरूरी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं। हमलोगों ने तय किया है कि हर थाने एवं सरकारी कार्यालयों में महिला पदाधिकारी एवं कर्मी की उपस्थिति हो, इससे वहां शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में पुलिस एकेडमी अच्छा बना है। अभी भी उसका कुछ कार्य बाकी है, उसे जल्द से जल्द पूरा करें। पुलिस भवन निर्माण निगम समय तय करके इसके काम को तेजी से पूर्ण करे। इसके पूर्ण हो जाने से पूरे देश में बिहार पुलिस एकेडमी का एक विशेष स्थान होगा। उन्होंने कहा कि संसाधन की जो और जरूरत होगी सरकार उपलब्ध करायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ भवनों का निर्माण ही नहीं करना है बल्कि उसका में भी करना है। पुलिस पेट्रोलिंग का काम निरंतर हो। जहां भी अपराध की घटनायें हो उनका अनुसंधान तेजी से हो । स्पीडी ट्रायल का काम भी ठीक से हो ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि जो भी शराब के कारोबार में लिप्त हैं उन पर कड़ी कार्रवाई करें, शराब धंधेबाजों को छोड़ना नहीं है। जिन थानों को जिम्मेदारी मिली है वे थाने काम कर रहे हैं या नहीं उस पर भी आपलोग नजर रखें। पुलिस एकेडमी से नये ट्रेंड अधिकारियों को शराब धंधेबाजों को पकड़ने में लगाइये।
कार्यक्रम को पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक आलोक राज ने भी संबोधित किया ।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऊर्जा-सह- योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, गृह विभाग के सचिव के० सेंथिल कुमार, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के मुख्य अभियंता सोहेल अख्तर, सुपौल जिला के जिलाधिकारी महेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक सुपौल मनोज कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए