संवाददाता.बख्तियारपुर. अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के सौजन्य से भारत छोड़ो आंदोलन की 79 वीं वर्षगांठ समारोह मनायी गयी. इस अवसर पर संगठन के सदस्यों ने शीलभद्र याजी शिक्षण संस्थान परिसर में एकत्रित हो स्व. याजी जी को समाधी पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत पद यात्रा करते हुए नगर क्षेत्र में स्थित सेनानियों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
इस अवसर पर समारोह के नेतृत्व कर रहे सत्यानंद याजी ने बताया की ब्रिटिश हुकूमत के बिरुद्ध अपनी लड़ाई को तेज करने हेतु 8 अगस्त 1942 को ही मुंबई के ग्वालियर टैंक मैदान में आधी रात को महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सरकार के बिरुद्ध अंग्रेजो भारत छोड़ो तथा करो या मरो का मंत्र सत्याग्रहियों को दिया था. गांधी के इस मंत्र से पूरा भारत आंदोलित हो उठा था, जिसका बिहार में सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। बिहार में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे स्व. शीलभद्र याजी के नेतृत्व में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया. आवागमन एवं संचार माध्यमों के साथ ही सारी व्यवस्था लोगो ने ठप कर दिया था.
इस आंदोलन में सत्याग्रहियों की सवार्धिक भागीदारी का ही निष्कर्ष है कि अकेले बिहार से अधिक लोग जेल गए थे, जो देश के अन्य राज्य के तुलना में सवार्धिक है. इस आंदोलन में प्रखंड के स्व. नाथू सिंह यादव एवं मोगल सिंह ने जहाँ प्राणो की आहुति दी थी वहीं स्व. वैध राम लखन सिंह एवं स्व. डुमर सिंह सत्यग्रहियों के साथ जेल गए थे. आज संगठन द्वारा इस विशेष दिवस पर सभी सेनानियों का पुनः स्मरण किया गया. इस अवसर पर अच्युतानंद याजी, जनार्दन शर्मा, रामानंद सिंह, श्यामानन्द याजी सहित अन्य लोगो ने हिस्सा लिया.