संवाददाता.पटना.बिहार में सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए मंगलवार से राज्य स्तरीय विशेष स्वास्थ प्रशिक्षण प्रोग्राम प्रारंभ हो गया है। यह ट्रेनिंग दिल्ली एनएचएसआरसी के ट्रेनर द्वारा दी जा रही है। प्रत्येक जिले में इस ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग तिथि और समय का निर्धारण किया गया है। कोरोना संक्रमण का बच्चों के उपर से प्रभाव हटाने की दिशा में शुरू किए गए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूनिसेफ का भी सहयोग मिला है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखे जाने और उनके बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा तथा काफी महत्वपूर्ण कदम उठाया है। तीसरी लहर में कोविड-19 का बच्चों पर संभावित दुष्प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य भर के करीब 90 हजार आशा कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षित किया जाना है। यह प्रशिक्षण आनलाइन होगा।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच सामुदायिक स्तर पर कोविड-19 के प्रबंधन की समझ विकसित करना है। इसके अलावा तय अंग्रिम पंक्ति के इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को खतरे के संकेतों को समझने और बीमार बच्चों को उपयुक्त समय पर रेफर करने से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला योजना समन्वयक, जिला सामुदायिक प्रबंधक, ब्लाक स्वास्थ्य प्रबंधक, समुदाय प्रेरक, आशा कार्यकर्ता, आशा फैसिलेटेटर्स, एएनएम एवं आरबीएसके टीम के सदस्य आदि शामिल होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण में ट्रेनर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अपने-अपने इलाकों में पैनी निगाह रखने, अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा पर जागरूक तथा सचेत करने, घर में होम क्वेरेंटाइन किए जाने और गंभीर हालत होने पर रेफर किए जाने आदि पर जरूरी मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगे।
इन अभिभावकों को बच्चों में कोविड-19 के लक्षण और समय रहते उचित कदम उठाने को लेकर भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सभी तैयारी राज्य में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आहट से पहले पूरी कर ली जाएगी, ताकि बिहार जैसे राज्य में स्थिति को समय रहते ही संभाला जा सके।