फिर सामने आया धर्मान्तरण का मामला,बड़े रैकेट का खुलासा

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लखनऊ.उत्तर प्रदेश टेररिस्ट स्क्वॉड(एटीएस) ने धर्मांतरण कराने वाले बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है।एटीएस ने दो मौलाना जहांगीर व उमर गौतम को लखनऊ स्थित एक मुस्लिम संस्थान से सोमवार को गिरफ्तार किया।इनसे पूछताछ में इस बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है।

सुत्रों के अनुसार कट्टरपंथी संगठन पीएफआई( पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का सोशल चेहरा बने एसडीपीआई(सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) पर नकेल कसा गया था तब आईडीसी (इस्लामिक दावा सेंटर) का गठन कर सक्रियता बढाई गई।ये सभी धर्मान्तरण की मुहिम चला रहे थे।इन्हें आईएसआई से फंडिंग हो रही थी। मूक बाधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी करवाने का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले इस सिंडिकेट के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर निवासी ग्राम जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली व मोहम्मद उमर गौतम पुत्र धनराज सिंह गौतम निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली के रूप में हुई है।

ये लोग आईएसआई व अन्य विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण करवाते थे।बताया जा रहा है कि ये लोग बड़ी संख्या में धर्मांतरण करवा चुके हैं और कई लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं।गिरप्तार दोनों मौलानाओं ने कानपुर व गुड़गांव के दे छात्रों को बरगला कर धर्म परिवर्तन कराया था।दोनों बच्चों को इस्लामिक शिक्षा के लिए दक्षिण भारत भेजा गया था।
जांच में यह बात सामने आई है कि नोएडा स्थित डेफ सोसाइटी स्कूल के 18 मूक बधिर बच्चों का दो साल के अंदर धर्मान्तरण करवा दिया था।इसकी भनक स्कूल प्रबंधक को नहीं लगने दी गई।स्कूल प्रबंधक का कहना है कि बच्चे कैसे इस संस्था के बहकावे में आकर इस्लाम धर्म अपना रहे हैं,इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं है।

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