शिकायतों का नियत अवधि में निराकरण हो,अपील का डिस्पोजल समय पर करें- मुख्यमंत्री

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संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 5 जून 2016 को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की शुरुआत की गई थी। लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए इस कानून को लाया गया। हमलोगों का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों की शिकायतों का समाधान हो, समाज में तनाव घटे, शांति बनी रहे और आपसी विवाद खत्म हो।उन्होंने कहा कि सभी जिलों में इन कानूनों के क्रियान्वयन का नियमित गहन अनुश्रवण करें ताकि कार्यान्वयन में और बेहतर सुधार किया जा सके। शिकायतों का नियत अवधि में निराकरण हो, अपील का डिस्पोजल समय पर कराना सुनिश्चित करें। अन्य प्रचार माध्यमों के साथ-साथ लोक चौपाल के द्वारा लोगों को इन कानूनों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें ताकि वे इसका लाभ उठा सकें।

     मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा हुई।

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण, परिणाम, उपलब्धियां एवं जन-जागरुकता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी की अपर मिशन निदेशक प्रतिमा एस0 वर्मा ने विभागवार सेवा प्रादयगी की स्थिति, ऑनलाइन आवेदन की स्थिति, विभागवार परिवाद प्राप्त होने की स्थिति आदि के संबंध में जानकारी दी।

समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लोगों को सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर केंद्र बनाए गए हैं। पहले प्रमाण-पत्र लेने के लिए काफी समय एवं खर्च लगता था इस कानून की शुरुआत होने से लोगों को निश्चित समय के अंदर सेवाएं दी जा रही हैं। जैसा कि बताया गया है कि अब तक 25 करोड़ से अधिक आवेदकों ने आवेदन देकर इस कानून के माध्यम से सेवा ली है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के लोक सेवाओं को एक प्लेट फार्म पर लायें ताकि लोगों को और सुविधा हो सके।

उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक क्राइम का कारण संपत्ति एवं भूमि विवाद है। लोक शिकायत निवारण कानून के अंतर्गत भूमि संबंधी समस्या, बिजली बिल, सड़कों, पुलों के मेंटेनेंस आदि जैसे कई विषयों को किया गया है। अब लोग पथों, पुलों के मेंटेन नहीं रहने पर इस कानून के अंतर्गत अपनी शिकायतें दर्ज कराएंगे जिससे पथों, पुलों का मेंटेनेंस तो होगा ही साथ ही जिम्मेवार पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी होगी।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव-सह-समान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव  चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी की अपर मिशन निदेशक  प्रतिमा एस0 वर्मा जुड़ी हुई थीं।

 

 

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