शराबबंदी से संबंधित बिल सर्वसम्मत पारित,सदन में विधायकों ने ली शराब न पीने की शपथ

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निशिकांत सिंह.पटना. एक अप्रैल से सूबे में देशी और मसालेदार शराब की बिक्री पूर्णत बंद हो जायेगी.इस आशय का बिल विधानसभा में सर्वसम्मति से पास होगया. बिल पर चर्चा के दौरान   मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 31 मार्च यानी कल तक बची हुई देशी और मसालेदार शराब को नष्ट किया जायेगा. अवैध कारोबार के लिए कोई लूप होल्स नहीं छोड़ेंगे. शराबबंदी का उल्लंघन करने वाले को कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. जहरीली शराब बनाने वालों को मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है

शराबबंदी को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति का 104 टॉल फ्री नंबर बुधवार से शुरू हो जाएगा. इस नंबर पर लोग शिकायत के साथ साथ सुझाव भी दे सकेंगे.
अभी तक 5,000 शराब की दुकानें हैं सूबे में जो बंद होकर लगभग 650 हो जाएगीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य बिहार में पूर्ण शराबबंदी की है . राज्य में चरणबद्ध तरीके से पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे. रणनीति के तहत पहले चरण में ग्रामीण इलाकों में देसी और मसालेदार शराब पर 1 अप्रैल से प्रतिबन्ध लगाया गया है . दूसरे चरण में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होगी .

बिहार विधानसभा में आज उत्पाद संशोधन विधेयक 2016 सर्वसम्मति से पास हो गया।इसके तहत 1 अप्रैल से अब राज्य में देशी और मशालेदार शराब पर पूर्ण प्रतिबन्ध लग जायेगा .इसके बाद विधानसभा स्पीकर विजय चौधरी ने प्रस्ताव को सदन में रखा. विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मुहर लगने के बाद सभी सदस्यों ने खड़े होकर शराब नहीं पीने की शपथ ली.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने के लिए उत्पाद संशोधन विधेयक में सख्त सजा का प्रावधान किया गया है.  जहरीली शराब बनाने वालों को मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है जबकि शराब पीकर कोई विकलांग हुआ तो बनाने वाले को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.उन्होंने कहा कि शराब पीकर सार्वजनिक जगहों पर हंगामा करने पर न्यूनतम 5 साल की सजा और घर में शराब पीकर हंगामा करने पर न्यूनतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. अवैध तरीके से शराब पिलाने वाले को न्यूनतम 8 साल की सजा होगी जबकि बच्चों को शराब पिलाने पर न्यूनतम 7 साल की सजा का प्रावधान है. अवैध शराब कारोबार करने वालों की संपत्ति भी जब्त होगी. सीएम ने कहा कि जहरीली शराब से मौत पर परिजनों को 4 लाख मुआवजा दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा – मैंने इस विधेयक को लाने से पहले इसकी  पूरी मॉनेटरिंग की है. पूरा अध्ययन किया है. अब प्रथम चरण के रिटेल शॉप को बेवरेज कॉरपोरेशन के जिम्मे दिया है. शराब पर निगरानी के लिए सीसीटीवी, जीपीएस सिस्टम, राज्य के सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक लॉक और सभी अत्याधुनिक व्यवस्था की है. इसे रोकने के लिए टॉल फ्री नंबर दिये गये हैं. 24 घंटे कोई भी शिकायत कर सकता है. इतना ही नहीं जिस थाना प्रभारी के क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री पायी गयी. जिस एसपी के इलाके में शराब से जुड़ी कुछ अवैध गतिविधियां हुई तो उन्हें जवाबदेह बनाया गया है. सीएम ने कहा कि लोग जागरूक हैं. छात्रों के 1 करोड़ अभिभावकों ने शराब को हाथ नहीं लगाने का शपथ पत्र भरा है. सात लाख दीवारों पर जागरूकता वाले नारे लिखे गये हैं. 8 हजार से ज्यादा नुक्कड़ नाटक किये गये हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने नीतीश कुमार को खुलकर समर्थन किया था.  नीतीश कुमार ने चुनाव में वादा किया था कि वे इस बार सरकार में आने पर पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे. उन्होंने अपने इस वादे को पूरी प्रतिबद्धता से निभाने की कोशिश की है. शहर के लोगों के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर को पीने की छूट नहीं दी गयी है. शराब से नुकसान सबको मालूम है. माहौल बनेगा तो शहर भी जिम्मेवार होगा. वैसे उन्होंने कहा कि बंगलुरू के निमहांस और दिल्ली के एम्स से प्रशिक्षित शराब से दूर करने वाले चिकित्सकों को भी लाया गया है.

 

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