संवाददाता.पटना.देश के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान ‘तेजस’ को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का हार्ट अटैक से निधन हो गया। सोमवार की देर रात दरभंगा के लहेरियासराय स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। डीआरडीओ, बेंगलुरु में रक्षा वैज्ञानिक रहे डॉ. वर्मा पूर्व राष्ट्रपति कलाम के सहयोगी रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा के कोरोना से निधन पर शोक और गहरी संवेदना व्यक्त की।
जानकारी के अनुसार उनका निधन सोमवार की रात करीब 11.45 बजे लहेरियासराय के केएम टैंक स्थित आवास पर हृदय गति रुकने से हो गया। डॉ. वर्मा के भतीजे मुकुल बिहारी वर्मा ने इसकी पुष्टि की। डॉ. वर्मा घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव के मूल निवासी थे। वर्तमान में वे केएम टैंक मोहल्ले में किराए के मकान में रह रहे थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा के कोरोना से निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा जी का निधन दुखद है। वे महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी के सानिध्य में काम करने वाले लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट “तेजस” के निर्माण में प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी थे। भारतीय वायुसेना को अधिक मारक बनाने में डॉ. वर्मा का योगदान अविस्मरणीय है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा साइंटिस्ट ऑफ द ईयर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी द्वारा प्रौद्योगिकी नेतृत्व पुरस्कार और 2018 में पद्मश्री से सम्मानित डॉ. मानस बिहारी वर्मा जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। उनके निधन से वैज्ञानिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।