झोपड़ी से सचिवालय तक लाशों की ढेर,सरकार खोले शमशान घाट-पप्पू यादव

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संवाददाता.पटना. पूरा देश आज श्मसान हो गया है।बिहार का बॉर्डर हो या कोई जिला हर जगह लाशें हैं। लेकिन फिर भी सरकार आंकड़े को पता नहीं क्यों छुपाने काम कर रही है। आज झोपड़ी से सचिवालय तक लाशों की ढेर लगी है। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था नाम कोई चीज ही नहीं है, जिसके लिए हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि इस विभाग के नीचे से ऊपर तक सभी कर्मियों को बर्खास्त किया जाय, जिन्होंने मुख्यमंत्री तक को बरगलाने का काम किया।उक्त बातें आज जन अधिकार पार्टी (लो) राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने प्रेस वार्ता के दौरान कही।

पप्पू यादव ने आज सुबह मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल और पटना में दीघा घाट का दौरा किया था, जिसकी तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी विकट है कि आज अंतिम संस्कार में भी डोम राजा को 6 से 15 हजार तक रुपये देने पड़ रहे हैं। इससे अच्छा तो सरकार ही लाश जलाने का काम शुरू कर दे, आमदनी अच्छी हो जाएगी।

उन्होंने एसकेएमसीएच का जिक्र करते हुए कहा कि एसकेएमसीएच में लाश बेड पर रहता है उसको देखने वाला कोई नहीं। पिछले एक सप्ताह से रोज 20 से 25 से ज्यादा शव यहां से निलक रहा है। न दवाई, न सफाई न इलाज हद तो यह है कि पीने के लिए पानी व जीने के लिए ऑक्सीजन तक नहीं मिल रहा। बाथरूम की हालत ऐसी की वहां पर जानवर भी नहीं जा सके। वहां के सुपरिटेंडेंट ने कहा कि 700 ऑक्सीजन की जरूरत है और मिल रहा है 200।

इससे पहले पप्पू यादव ने बिहार के चीफ सेक्रेटरी अरुण कुमार व आज तक के एंकर रोहित सरदाना के निधन पर गहरा शोक जताया और कहा कि ये कैसा सिस्टम बना दिया, जहां जान की कोई कीमत ही नहीं रही। बहुत दुख हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार को एक टास्क फोर्स बनाना चाहिए, जो ये तय करे कि किसको कोविड वार्ड में शिफ्ट करना है और किसे सामान्य।

उन्होंने प्राईवेट अस्पतालों को कुछ समय के लिए अपने अंदर लेने की भी बात कही और कहा कि अस्पतालों में स्पेशल नर्स की व्यवस्था हो। साथ ही रिटायर्ड जज और प्रशासनिक पदाधिकारियों को कोविड मैनेजमेंट में लगाना चाहिए, ताकि डॉक्टर नर्स अपना काम सुचारू रूप से कर सकें। इसके अलावा पप्पू यादव ने उन प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों के भी बीमा की मांग सरकारी डॉक्टरों के तर्ज पर करने की मांग की, जिन्हें कोविड अस्पताल घोषित किया गया है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने ऑक्सीजन और दवाई की कालाबाजारी के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया और कहा कि ऑक्सीजन भेंडर और पदाधिकारियों की मुनाफा ख़ोरी की वजह है ऑक्सीजन व दवा की किल्लत राज्य में हो रही है। बिहार में तो अब जीवन रक्षक दवा भी गायब हो गयी है। इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि वो जीवन रक्षक दवाओं को स्टॉक करने वालों पर अविलंब fir दर्ज करें।

उन्होंने ये भी बताया कि  सिप्ला कम्पनी को जब पत्र लिखा तो उन्होंने कहा कि वे दवा देने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मैं सरकार से अपील करता हूँ कि वो मुझे रेमडीसीवीर जैसे दवाओं का राइट दे, मैं पटना में हर रोज मुफ्त में 3 हजार जररूत लोगों तक दवा पहुंचाऊंगा और प्रदेश में दवा की किल्लत नहीं होगी।मौके पर जाप के राष्ट्रीय महासचिव राजेश पप्पू मौजूद थे।

 

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