मुख्यमंत्री ने बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का किया उद्घाटन

627
0
SHARE

संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस के अवसर पर आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट का अनावरण कर किया। बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वल्र्ड: सेलिब्रेटिंग म्यूजियम कलेकन तथा बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया। इसके पचात् सीएसएमवीएस इंस्टीट्यूट मुंबई के डायरेक्टर जनरल सव्यसाची मुखर्जी एवं भारत में फ्रांस के राजदूत एचई इमैनुएल लिनैन का वर्चुअल शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार म्यूजियम विनाले कार्यक्रम पिछले वर्ष ही होने वाला था लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। इस विनाले के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल कान्फ्रेंस में 20 संग्रहालयों की प्रस्तुति होगी और 8 मास्टर क्लासेस होंगे। पटना म्यूजियम सिर्फ बिहार ही नही पूरे देश की धरोहर है। पटना संग्रहालय विस्तार को ध्यान में रखते हुए जब 16 दिसम्बर 2009 को हम पटना म्यूजियम देखने गये थे तो वहां हमने देखा कि अमूल्य धरोहर काफी नजदीक-नजदीक रखे हुये थे। उसी समय हमने कहा था कि पटना म्यूजियम को बेहतर बनाने के साथ-साथ पटना में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाया जाएगा ताकि बेशकीमती प्रदर्शो एवं प्राचीन धरोहरों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके लिए नेहरु पथ पर जगह चुना गया और वहां से पांच भवनों को हटाकर बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के निर्माण के लिए शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह को 11 जुलाई 2011 को नोडल अफिसर के रूप में मनोनीत किया गया। म्यूजियम के अंतर्राष्ट्रीय मानक को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर के विशेषज्ञों का चयन किया गया। कनाडा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज को मुख्य योजना परामर्शी के रूप में चयनित किया गया। बिहार के इतिहास के बारे में उन्होंने लोगों से सुझाव लेने के बाद हमसे भी चर्चा की। वास्तुविद के रूप में जापान के माकी एंड एसोसिएट्स का चयन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त लोगों के जूरी के द्वारा किया गया। 16 जून 2013 को पटना में 498 करोड़ रूपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय निर्माण की स्वीति दी गयी और 9 जुलाई 2013 को हमने इसका शिलान्यास किया। वर्ष 2015 के बिहार दिवस तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया लेकिन 2015 में इसके एक हिस्से का ही उद्घाटन हो सका। इसके बाद वर्ष 2017 में गांधी जयंती के अवसर पर बिहार म्यूजियम को पूरे तौर पर जनता को समर्पित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 अक्टूबर 2017 को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल हुये थे, उस दिन कार्यक्रम के बाद उन्होंने बिहार म्यूजियम को देखने की इच्छा प्रकट की और करीब डेढ़ घंटे तक उन्होंने बिहार म्यूजियम का भ्रमण किया। अब प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग बिहार म्यूजियम को देखने आ रहे हैं। बिहार संग्रहालय के अंतर्राष्ट्रीय मानकों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ओरिएंटेशन दीर्घा, इतिहास दीर्घा, कंटेम्प्रोरी आर्ट गैलरी, बिहारी रीजनल आर्ट गैलरी, चिल्ड्रेंस गैलरी आदि का निर्माण कराया गया है। ओरिएंटेशन गैलरी गौरवशाली अतीत को प्रदर्शित करता है जबकि इतिहास दीर्घा प्रागैतिहासिक काल से लेकर 1764 ई0 तक के कालखंड को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा बिहार म्यूजियम में कैफेटेरिया का निर्माण कराया गया है। यहां कला से संबंधित वस्तुओं के विक्रय की भी व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रख्यात मनीषी पंडित राहुल सांकृत्यायन द्वारा तिब्बत से लायी गयी पांडुलिपियों को पटना संग्रहालय में ही रखने का निर्णय लिया गया है। उसका हिंदी, अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं में तिब्बत से जुड़े लोगों से अनुवाद करवाइए ताकि नई पीढ़ी के लोगों को तिब्बत के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। पटना संग्रहालय में नेचुरल हिस्ट्री गैलरी भी होगी जहाँ दो करोड़ वर्ष पुरानी चीड़ प्रजाति के वृक्ष के जीवाश्म भी संरक्षित होंगे।

इसके अलावा पटना संग्रहालय में भारत के प्रथम राष्ट्रपति ड0 राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर ड0 राजेन्द्र प्रसाद दीर्घा, पंडित राहुल सांत्यायन गैलरी, आर्ट गैलरी, पेंटिंग गैलरी, भगवान बुद्ध अस्थि कलश दीर्घा प्रमुख हैं। पटना संग्रहालय से भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को वैशाली बुद्ध सम्यक दर्शन ले जाया जाएगा। पटना म्यूजियम जाने वाले लोग बिहार म्यूजियम भी जा सकें, इसके लेकर काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पटना और बिहार म्यूजियम को अंडरग्राउंड जोड़ने की हमारी ख्वाहिश है। बिहार म्यूजियम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम है इसके साथ पटना म्यूजियम जुड़ा रहेगा।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन एवं मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर नेक संवाद में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव रवि मनुभाई परमार, कला संस्ति विभाग के अपर सचिव सह बिहार म्यूजियम के निदेशक दीपक आनंद, बिहार म्यूजियम विनाले 2021 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर  अलका पाण्डेय सहित कला प्रेमीगण एवं कला  संस्कृति एवं युवा विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मीगण जुड़े हुये थे।

LEAVE A REPLY