संवाददाता. पटना.स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को यहां बताया कि स्वास्थ्य विभाग लोगों को न सिर्फ तकनीक आधारित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहा है, बल्कि पर्याप्त मात्रा में दवाएं भी उपलब्ध करा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयास का ही नतीजा है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में लोग टेलिमेडिसीन की सुविधा का लाभ ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 कार्यक्रम के तहत सबक लिए स्वास्थ्य सुविधा अंतर्गत टेलीमेडिसीन के माध्यम से स्वास्थ्य उपकेंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल एवं जिला अस्पताल से जोड़ा गया है। इस माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज आसानी से चिकित्सकीय परामर्श ले रहे हैं और आर्थिक बोझ से भी बच रहे हैं। पिछले तीन सप्ताह के दौरान टेलीमेडिसीन के माध्यम से करीब 20 हजार मरीजों ने चिकित्सकीय परामर्श लिया है।
श्री पांडेय ने बताया कि इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में राज्य के 36 सदर अस्पताल समेत दरभंगा और पश्चिम चंपारण अनुमंडलीय अस्पताल तथा 158 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हब (मुख्य केंद्र) के रूप में एवं 1724 स्वास्थ्य उप केंद्रों को स्पोक्स (उप केंद्र) के रूप में जोड़ा गया है। आगामी दिनों में ऐसे केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 4 हजार की जायेगी। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग का प्रयास जारी है। यह सुविधा वर्तमान में 3 दिन सोमवार, गुरुवार एवं शनिवार को प्रातः 9 बजे से अपराह्न 2 बजे तक उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अलावा रोगियों को निःशुल्क दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आवश्यक दवाओं की सूची में संशोधन किया गया है। अब टेलीमेडिसीन हेतु स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर पूर्व से 15 प्रकार की दवाओं को बढ़ाकर 37 प्रकार की दवाएं एवं वैसे स्वास्थ्य उप केंद्र, जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किये जाएंगे, में 109 प्रकार की दवाएं चिह्नित की गई है।
श्री पांडेय ने बताया कि इस व्यवस्था के अंतर्गत स्वास्थ्य उप केंद्रों पर मरीजों को मुकम्मल सुविधा प्रदान करने के लिए कई प्रावधान किये गये हैं। इसके तहत एएनएम द्वारा इंटरनेट सुविधायुक्त एंड्रायड टैबलेट का प्रयोग कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पताल पर नामित चिकित्सकों द्वारा टेली कंसलटेंसी के माध्यम से मरीजों को उनके बीमारी से संबंधित परामर्श दिया जाना है। चिकित्सकों द्वारा दिये गये सलाह के उपरांत स्वास्थ्य केंद्रों पर ही रोगियों को प्रिंटेड चिठ्ठा उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही मरीजों को निःशुल्क दवाओं की आपूर्ति भी की जायेगी। कार्यक्रम के दूसरे चरण के विस्तार में राज्य के अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य उप केंद्रों को शामिल किया जायेगा।