संवाददाता.पटना.पशु एवं मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी द्वारा हाजीपुर के एक सरकारी कार्यक्रम में अपने भाई संतोष सहनी को भेजे जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को विधान परिषद में जबरदस्त हंगामा हुआ।विपक्ष के भारी विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हस्तक्षेप करना पड़ा।बाद में मुकेश सहनी ने मीडिया के सामने इसके लिए माफी मांगी।
उल्लेखनीय है कि हाजीपुर में गुरुवार को मत्स्य विभाग की ओर से सरकारी कार्यक्रम आयोजित था। मत्स्य विभाग की योजना के तहत चयनित मछलीपालकों को आइस बॉक्स, मोपेड, बाइक, छोटी मालवाहक गाड़ियां वितरण की जानी थी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व उद्घाटन के तौर पर मंत्री मुकेश सहनी को पहुंचना था। मंच के पीछे मंत्रालय का बड़ा सा बैनर लगा था। बैनर पर मंत्री की फोटो लगी थी और नीचे मंत्री के नाम के साथ उद्घाटनकर्ता माननीय मंत्री लिखा था।लेकिन उनकी जगह कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री के भाई संतोष सहनी।मंत्री के भाई संतोष मंत्री की सरकारी गाड़ी से ही कार्यक्रम में पहुंचे थे। मंत्री के भाई को विभाग की ओर से मंत्री वाली सुविधा व प्रोटोकॉल भी दिया गया।
इसी मामले को लेकर शुक्रवार को विधान परिषद् में जबरदस्त हंगामा हुआ। सदन में विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुकेश सहनी ने अपनी जगह अपने भाई संतोष सहनी को भेज दिया। ऐसा कर उन्होंने सरकार और सरकारी कार्यक्रम का मजाक उड़ाया है। विपक्षी सदस्यों का विरोध इस कदर बढ़ गया कि सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा। इस मामले में सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। परिषद् में हंगामे पर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी। अगर ऐसा हुआ है तो यह आश्चर्यजनक है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से पूछा कि मामला क्या है। फिर जल संसाधन मंत्री संजय झा को कहा कि आप इस मामले की जांच करें। मुख्यमंत्री ने संजय झा से कहा कि यह गंभीर मामला है, इसे अपने स्तर पर जांच कराइए। मुख्यमंत्री ने इस मामले पर विधान परिषद में विपक्षी नेताओं से भी बातचीत की।
सदन में यह मामला राजद के भाई विरेंद्र और ललित यादव ने उठाया। जैसे ही यह मामला उठा सदन में हंगामा होने लगा। विपक्षी सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। राजद के सुबोध राय ने मंत्री मुकेश सहनी को बर्खास्त करने की मांग की। सुबोध राय ने कहा कि मुकेश सहनी ने सरकार को घर की जागीर समझ रखा है। इसके बाद विपक्ष के सारे नेता खड़े होकर मंत्री मुकेश सहनी को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। इस मामले का सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी विरोध किया। भाजपा के नवल किशोर यादव ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्था के लिए यह कलंक है। लोकतंत्र लोक लाज से चलता है, हम इसका निंदा करते हैं। कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि मंत्री के बजाय सरकारी योजना का उद्घाटन उनके परिवार के लोग कर रहे हैं, यह सुशासन नहीं, दुशासन का राज है, महा जंगलराज है। उन्होंने कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों और मंत्री पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रेमचंद मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हमें आश्वस्त किया है कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है और वह इसको लेकर वे गंभीर है।
सरकार के बैकफुट पर आने और सत्तापक्ष के साथ साथ मुख्यमंत्री द्वारा आश्चर्य व्यक्त किए जाने के बाद मुकेश सहनी ने मीडियाकर्मियों के सामने इस घटना पर माफी मांगी।