आजादी के 74 साल बाद कृषि में सुधार की कोशिश- सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से ‘कृषि और विकास’ विषयक देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान में पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोई भी सरकार एमएसपी पर खरीद के लिए निजी क्षेत्रों को बाध्य नहीं कर सकती है। वहीं, एमएसपी पर खरीद को कानूनी स्वरूप देना भी संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए 10 लाख करोड़ से ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।

केन्द्र सरकार खाद्य, फर्टिलाइजर, पीएम किसान, फसल बीमा व ब्याज अनुदान आदि के तौर पर वर्ष 2020-21 में किसानों को 6 लाख 56 हजार करोड़ अनुदान के तौर पर दिया है। एफसीआई (थ्ब्प्) के गोदाम में क्षमता से ढाई गुना अधिक अनाज भरे पड़े हैं। 2000 तक जहां पंजाब प्रतिव्यक्ति आय के मामले में देश में प्रथम स्थान पर था वहीं अब वह 13 वें स्थान पर है। खेती की विविधता अपनाए बिना केवल धान व गेहूं की खेती से किसानों की आय को नहीं बढ़ाया जा सकता है।

श्री मोदी ने कहा कि 1990 तक भारत और चीन की प्रति व्यक्ति आय लगभग समान थी, मगर आज चीन की आय भारत से पांच गुना अधिक है, क्योंकि चीन ने 1976 में ही आर्थिक व कृषि सुधार शुरू कर दिया, नतीजतन अगले छह साल में ही वह किसानों की आय दोगुनी करने में सफल रहा। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अगले 5 साल में किसानों की आय को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया है वह कृषि में सुधार करके ही हासिल किया जा सकेगा।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण धान की फसल के लिए उपयुक्त पानी की प्रचूरता वाले बिहार, बंगाल और पूर्वी भारत की जगह पंजाब को प्रोत्साहित किया गया। वहां के किसान खेती की विविधता को न अपना कर अपने खेत के 85 प्रतिशत हिस्से में केवल धान व गेहूं की खेती करने लगे। फलतः वहां जमीनी पानी का अंधाधुंध दोहण और फर्टिलाइजर का अनियंत्रित उपयोग शुरू हुआ। इसके कारण आज वहां भूजल स्तर 350 से 400 फीट नीचे चला गया है। रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग के कारण पीने के शुद्ध पानी का संकट गहराने  के साथ ही पंजाब को रेगिस्तान बनने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

 

 

 

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